N1Live National डस्टलिक 2025 : सेना ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने का किया अभ्यास
National

डस्टलिक 2025 : सेना ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने का किया अभ्यास

Dustlik 2025: Army conducts exercise to destroy terrorist hideouts

भारत और उज्बेकिस्तान की सेनाओं ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने वाला अभ्यास ‘डस्टलिक 2025’ किया है। अभ्यास ‘डस्टलिक’ अर्ध-शहरी परिवेश में आतंकवादी खतरों का निर्णायक रूप से मुकाबला करने पर केंद्रित रहा।

भारत और उज्बेकिस्तान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास डस्टलिक का यह छठा संस्करण था, जो पुणे के औंध में आयोजित किया गया। इस अभ्यास में आतंकवादियों व उनके ठिकानों पर छापेमारी, खोज और आतंकवादी ठिकाने नष्ट करने वाले अभियान शामिल रहे।

इस अभ्यास में आतंकवादियों से निपटने के लिए हवाई सेना सहित गोलाबारी का उपयोग भी शामिल रहा। अभ्यास के दौरान सेना और वायु सेना के विशेष बलों ने एक हेलीपैड का प्रबंध किया। यह हेलीपैड आगे के संचालन के लिए माउंटिंग बेस के रूप में उपयोग किया गया। यहां निरंतर संयुक्त अभियानों के लिए बटालियन स्तर पर एक संयुक्त संचालन केंद्र की स्थापना भी की गई।

अभ्यास डस्टलिक अर्ध-शहरी परिवेश में आतंकवादी खतरों का निर्णायक रूप से मुकाबला करने के लिए दोनों सेनाओं के अटूट संकल्प और परिचालन तत्परता को रेखांकित करता है। यह कठोर अभ्यास और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से विकसित संयुक्त क्षमताएं एक दुर्जेय निवारक हैं। भारतीय सेना और उज्बेकिस्तान की सेना एकजुट है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए किसी भी चुनौती को बेअसर करने के लिए तैयार है।

संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डस्टलिक’ पुणे में हुआ। इस अभ्यास में आधुनिकतम हथियारों और उपकरणों का उपयोग किया गया। खासतौर पर अभ्यास में ड्रोन की तैनाती की गई। मानव रहित विमान से निपटने के उपाय भी इस अभ्यास में किए गए। वायु सेना अशांत क्षेत्रों में सैन्य बलों को सक्रिय बनाए रखने के लिए रसद सहायता पहुंचाने के अभ्यास में शामिल हुई।

इसके अतिरिक्त, हेलीकॉप्टरों का उपयोग भी इस संयुक्त युद्धाभ्यास का हिस्सा था। हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल टोही और निगरानी के लिए किया गया। विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन (एसएचबीओ), आतंकवादी ठिकाने में छोटी सैन्य टीमों के प्रवेश और निकासी (एसटीआईई) के लिए भी हेलीकॉप्टर का उपयोग किया गया। इसके अलावा भी अन्य संबंधित मिशनों के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग किया गया। भारत और उज्बेकिस्तान के इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में 60 सैन्य कर्मियों की भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व जाट रेजिमेंट ने किया। इनके साथ ही भारतीय वायुसेना की एक बटालियन भी यहां भारत का प्रतिनिधित्व कर रही थी।

उज्बेकिस्तान की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व उज्बेकिस्तान सैन्य कर्मियों द्वारा किया गया। भारत और उज्बेकिस्तान बारी-बारी संयुक्त अभ्यास डस्टलिक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हैं। पिछला संस्करण अप्रैल 2024 में उज्बेकिस्तान के तरमेज शहर में आयोजित किया गया था। अब इस अभ्यास का छठा संस्करण भारत में हुआ है।

Exit mobile version