रांची, 17 जनवरी । झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन की अगुआ पार्टी जेएमएम ने कहा है कि राज्य में ईडी जिस तरह राजनीति कार्यकर्ता की तरह कार्रवाई कर रही है, उससे जनता का आक्रोश बढ़ रहा है। लोगों का यह आक्रोश वीभत्स रूप ले सकता है।
मंगलवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 2024 चुनावी वर्ष है। मई तक लोकसभा के चुनाव करा लिए जाने हैं, लेकिन उसके पहले झारखंड में ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई किस मकसद से की जा रही है, यह समझना मुश्किल नहीं है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद भी ईडी की कार्रवाई चलती रही, जिसका फायदा बीजेपी को मिला। ऐसा ही अब झारखंड में किया जा रहा है, लेकिन हम लड़ने वाले लोग हैं और लड़ते रहेंगे।
झामुमो महासचिव ने कहा कि जनता समझ रही है कि सरकार को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। आज गांव-गांव में इस बात का आक्रोश है कि जब सरकार हमारे पास आ रही है, हम सरकार तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं, कुछ काम होना है तो ये अडंगा लगा रहे हैं। इस पर भारी आक्रोश है। जरूरी है कि ईडी की विश्वसनीयता बनी रहे। तथ्य परक रहे। पारदर्शी रहे।
भट्टाचार्य ने सवाल उठाया कि ईडी के समन-नोटिस की जानकारी बाहर कैसे निकल कर सामने आती है? ऐसी सूचनाएं आधिकारिक तौर पर पब्लिक डोमेन में तो नहीं डाली जाती हैं, लेकिन, समन पहुंचने के पहले उसकी खबरें हर किसी तक पहुंच जाती हैं। दरअसल, यह सब बदनाम करने के लिए होता है। झारखंड में सीएम को 14 अगस्त को हाजिर होने का समन भेजा गया था, जबकि, हर किसी को पता होता है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सीएम पद पर बैठे व्यक्ति की कितनी व्यस्तता होती है।
उन्होंने ईडी से कहा कि वे राज्य में की गई छापेमारियों के बारे में जानकारी दे कि किसके पास से क्या बरामद हुआ है? ईडी अगर राजनीतिक एजेंट की तरह काम कर रहा है तो हमें उसके खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ने को मजबूर होना पड़ेगा।
गौरतलब है कि जेएमएम की ओर से ईडी पर आरोपों की यह बौछार तब की गई है, जब वह आगामी 20 जनवरी को सीएम हाउस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ करने वाली है।
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