कोलकाता, 31 मई । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के जमीन हथियाने, मछली पालन और मछलियों के निर्यात के अलावा आय के अन्य स्रोतों का पता लगाने में जुट गये हैं।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी को जानकारी मिली है कि जमीन पर कब्जा करने, मछली पालन और मछलियों के निर्यात की तुलना में दूसरे स्रोतों से आमदनी काफी कम है, लेकिन फिर भी उनसे शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों की करोड़ों की कमाई होती है।
उन्होंने बताया कि दूसरे स्रोतों में एक उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में स्थानीय दुकानदारों से मिलने वाला किराया है जो शाहजहां की जमीन पर लगाई जाने वाली दुकानों के लिए उसे मिलता है।
ईडी अधिकारियों को पता चला है कि दुकानदारों से मिलने वाले किराये का कोई हिसाब-किताब नहीं है क्योंकि उनका भुगतान नकद में किया जाता है और उसकी कोई रसीद भी नहीं दी जाती है।
किराये के अलावा शेख शाहजहां के लोग दुकानदारों से सुरक्षा के नाम पर रोजाना छोटी-छोटी रकम वसूलते हैं। हालांकि रोजाना छोटी लगने वाली यह रकम मिलकर काफी बड़ी हो जाती है।
उसकी अन्य आय का तीसरा स्रोत संदेशखाली में राज्य सरकार से मिलने वाले ठेके हैं जो शाहजहां को सरकार में उसकी पहुंच के कारण मिलते थे।
इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले में भी उसने करोड़ों कमाये थे। उसे राज्य के पूर्व खाद्यापूर्ति और वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी माना जाता है, जो वर्तमान में सलाखों के पीछे है।
ईडी ने कोलकाता के विशेष पीएमएलए कोर्ट में 27 मई को शेख शाहजहां के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। एजेंसी ने उस पर संदेशखाली में जमीन हथियाकर 261 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का आरोप लगाया है।
ईडी के वकीलों ने अदालत को बताया कि एजेंसी ने संदेशखाली में शेख शाहजहां द्वारा कब्जा की गई 180 बीघा (59.5 एकड़) जमीन की पहचान की है।
आरोपपत्र में शाहजहां के भाई शेख आलमगीर और उसके करीबियों दीदार बख्श मुल्ला तथा शिबप्रसाद हाजरा को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी ने अब तक शाहजहां की 27 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
शेख शाहजहां को 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।
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