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झारखंड के नेशनल रूरल हेल्थ मिशन घोटाले में धनबाद शहर के पांच ठिकानों पर ईडी की रेड

ED raids five locations in Dhanbad city in Jharkhand's National Rural Health Mission scam.

रांची, 4 जुलाई । ईडी ने झारखंड में नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) में 12 साल पहले घोटाले से जुड़े केस में गुरुवार को धनबाद जिले में पांच जगहों पर छापेमारी शुरू की। जिनके ठिकानों पर ईडी की टीमों ने दबिश दी है, उनमें स्वास्थ्य विभाग के पूर्व कर्मी प्रमोद सिंह, रवींद्र सिंह, अश्विनी कुमार, दिव्य प्रकाश और अजीत सिंह शामिल हैं। इनमें से प्रमोद सिंह अब कोयले का बड़ा कारोबारी है और वह घोटाले का किंगपिन बताया जाता है।

ईडी की टीम धनबाद शहर के सरायढेला इलाके में सहयोगी नगर सेक्टर- 3 स्थित उसके आवास पर छानबीन कर रही है। इस दौरान कई दस्तावेज, बैंक अकाउंट्स के डिटेल, संपत्तियों के कागजात बरामद किए जाने की सूचना है।

एजेंसी की एक टीम प्रमोद सिंह के ड्राइवर अजीत सिंह के भूली स्थित आवास को भी खंगाल रही है। इसके अलावा धनबाद के नावाडीह में श्रीराम कुंज स्थित रवींद्र सिंह के आवास, अश्विनी कुमार के सोनारडीह के कालीनगर स्थित ठिकाने पर भी अलग-अलग टीमें एक साथ रेड डाल रही हैं।

बता दें कि झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो ने नेशनल रूरल हेल्थ मिशन में पीएचसी (प्राइमरी हेल्थ सेंटर) के लिए वर्ष 2011-12 में आवंटित छह करोड़ 97 लाख 43 हजार रुपये से अधिक की राशि के गबन का मामला पकड़ में आने के बाद 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

आरोप है कि इन्होंने पीएचसी के लिए आवंटित राशि को अपने खाते में मंगवा कर खर्च की। प्रमोद सिंह स्वास्थ्य विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करता था और उसके खातों में पीएचसी के 10 अकाउंट की राशि ट्रांसफर की गई थी। उसकी पत्नी प्रिया सिंह के अकाउंट में भी गलत तरीके से पैसे ट्रांसफर किए गए थे।

घोटाला सामने आने के बाद प्रमोद सिंह को बर्खास्त कर दिया था तो वह कोयले के कारोबार से जुड़ गया था। एसीबी की ओर से दर्ज इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है।

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