प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बुधवार सुबह से वरिष्ठ शिअद नेता जरनैल सिंह वाहिद के फगवाड़ा स्थित परिसर की तलाशी ले रहा है।
ईडी के अधिकारियों ने फगवाड़ा स्थित चीनी मिल, उनके आवास और उनके परिवार के स्वामित्व वाले एक जिम पर छापेमारी की। वाहिद पहले अपने एनआरआई पार्टनर सुखबीर एस. संदल के साथ इस मिल के सह-मालिक थे, लेकिन अब इसे सुल्तानपुर लोधी के विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह की राणा शुगर मिल्स चला रही है।
केंद्रीय एजेंसी द्वारा वाहिद के खिलाफ यह कदम दो साल पहले उनके और उनके परिवार के खिलाफ चीनी मिल की सरकारी जमीन कथित तौर पर बेचने के आरोप में दर्ज सतर्कता ब्यूरो के एक मामले के आधार पर उठाया गया है। वाहिद, उनकी पत्नी रूपिंदर कौर और बेटे संदीप सिंह को भी उस समय सतर्कता ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ सितंबर 2023 में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471, 166 और 176 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
वाहिद का अतीत विवादास्पद रहा है। 2003 में हवाला के ज़रिए कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में वह पहले से ही ईडी की जाँच के घेरे में थे। यह मामला वाहिद के तत्कालीन एनआरआई पार्टनर संदल द्वारा चीनी मिल में किए गए निवेश से जुड़ा था। उनके सभी वित्तीय लेन-देन की जाँच की गई थी और ईडी ने 2015 में भी इसी मामले में उन्हें तलब किया था। उस समय, वह मार्कफेड के अध्यक्ष भी थे।
2002 में, पंजाब कर्मचारी चयन बोर्ड (एसएसबी) के सदस्य के रूप में, वाहिद को बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ, 1998-2002 के दौरान राज्य में अकाली दल के शासन के दौरान कुछ नियुक्तियों में अनियमितताओं के आरोप में सतर्कता ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि, कथित तौर पर 2010 में मोहाली की एक अदालत ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।
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