रांची, 7 नवंबर । ईडी ने रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के सुपरिंटेंडेंट हामिद अख्तर, जेलर नसीम खान और “बड़ा बाबू” को पूछताछ के लिए समन भेजा है। इन सभी पर जेल में बंद माइनिंग स्कैम, लैंड स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों को मदद पहुंचाने के साथ-साथ ईडी के अफसरों को नुकसान पहुंचाने की तथाकथित साजिश में शामिल होने का आरोप है।
ईडी ने इससे संबंधित पुख्ता सूचनाओं के आधार पर बीते तीन नवंबर को कोर्ट की इजाजत से जेल में छापेमारी की थी। ईडी ने 7 नवंबर को बड़ा बाबू, 8 को जेलर और 9 नवंबर को जेल अधीक्षक को पूछताछ के लिए एजेंसी के रांची जोनल ऑफिस में उपस्थित होने को कहा है।
सनद रहे कि ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में दिए गए आवेदन में कहा था कि झारखंड में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद कुछ अभियुक्त ईडी के अफसरों को झूठे मुकदमे में फंसाने और उन्हें नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं। ईडी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग के अभियुक्त उनके अफसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों के भी संपर्क में हैं। इसकी पूरी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई थी।
एजेंसी ने जेल के कुछ सीसीटीवी फुटेज जब्त किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। आरोप है कि जेल प्रशासन ने कई सीसीटीवी फुटेज जानबूझकर डिलीट कर दिए। पिछले एक साल में यह तीसरी बार है, जब रांची के बिरसा जेल के सुपरिंटेंडेंट को ईडी के समक्ष हाजिर होना पड़ेगा। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों की मदद करने और जेल में उन्हें अनुचित सुविधाएं-सेवाएं उपलब्ध कराने के मामले में ईडी रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट हामिद अख्तर से बीते जून महीने में पूछताछ कर चुकी है।
जेल प्रशासन पर जेल मैनुअल का उल्लंघन कर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कैदी निलंबित आईएएस छवि रंजन और एक अन्य आरोपी प्रेम प्रकाश की मीटिंग अरेंज कराने का आरोप लगा था। इसके पहले बीते साल दिसंबर महीने में भी ईडी ने एक हजार करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के किंगपिन पंकज मिश्र की मदद करने के मामले में भी जेल सुपरिंटेंडेंट से पूछताछ की थी।
जेल में बंद रहते हुए भी पंकज मिश्र ने 300 से ज्यादा फोन कॉल्स किए थे। इस पूरे मामले में जेल में बंद पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश केंद्र में है। ईडी को सूचना है कि वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में अपना सिंडिकेट चला रहा है। ईडी को नुकसान पहुंचाने के लिए क्या करना है, क्या नहीं करना है, इस पर योजना बना रहा है। वह ईडी के गवाहों को प्रभावित करने के लिए भी कोशिश में जुटा है। वह गवाहों को यह भी समझा रहा है कि ईडी के अधिकारियों के विरुद्ध एसटी/एसटी अधिनियम में केस दर्ज कराकर उन्हें फंसाए। इससे ईडी का केस कमजोर होगा।