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अलकायदा की ‘टेरर फैक्ट्री’ चलाने वाले रांची के डॉक्टर को मिली फंडिंग की जांच करेगा ईडी

ED will investigate the funding received by Ranchi doctor who ran Al Qaeda's 'terror factory'

रांची, 23 अगस्त । रांची से अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) की ‘टेरर फैक्ट्री’ का संचालन करने वाले जिस डॉ. इश्तियाक को एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था, उसे फंडिंग मुहैया कराने वाले अब जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में जांच शुरू करते हुए रांची के बरियातू निवासी एक हॉस्पिटल संचालक बबलू खान को समन किया है।

डॉ. इश्तियाक मूल रूप से जमशेदपुर के मानगो इलाके का रहने वाला है। रांची स्थित रिम्स से एमबीबीएस और एमडी की डिग्री लेने के बाद वह पिछले छह साल से यहां के प्रतिष्ठित मेडिका हॉस्पिटल के अलावा कुछ अन्य हॉस्पिटल्स के लिए बतौर रेडियोलॉजिस्ट काम कर रहा था। ईडी ने जिस बबलू खान को समन किया है, उसके हॉस्पिटल से भी डॉ. इश्तियाक जुड़ा हुआ था।

बबलू खान के रिश्तेदार अफसर अली और ताल्हा खान रांची के बहुचर्चित जमीन घोटाले के चार्जशीटेड अभियुक्त हैं। दोनों फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। डॉ. इश्तियाक द्वारा चलाई जा रही टेरर फैक्ट्री को जमीन घोटालेबाजों से फंडिंग किए जाने की आशंका है।

उल्लेखनीय है कि झारखंड एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को आतंकी संगठन एक्यूआईएस के एक खतरनाक मॉड्यूल का खुलासा करते हुए झारखंड, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के करीब 15 लोगों को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस मॉड्यूल का संचालन रांची निवासी डॉ. इश्तियाक कर रहा था। उसने झारखंड में संगठन से जोड़े गए कई लोगों को ट्रेनिंग के लिए राजस्थान के भिवंडी भेजा था।

डॉ. इश्तियाक के अलावा झारखंड से जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें रांची जिले के चान्हो निवासी मुफ्ती रहमतुल्लाह, मो. रिजवान, हजारीबाग का पगमिल निवासी फैजान और लोहरदगा निवासी अल्ताफ अंसारी शामिल हैं। इनके अलावा तीन अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है।

झारखंड के आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इस मॉड्यूल से जुड़े लोग देश के भीतर खिलाफत करने और कई शहरों में आतंकी हमलों को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे।

गिरफ्तार किए गए आतंकियों के पास से कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए गए हैं। इन दस्तावेजों और उपकरणों की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये लोग अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेन्ट का विस्तार कर इससे युवाओं को जोड़ने, उन्हें कट्टरपंथी बनाने, भारत में शरिया कानून स्थापित करने और बांग्लादेश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे विषयों पर काम कर रहे थे। एक्यूआईएस अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बर्मा और बांग्लादेश में सक्रिय है।

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