मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज दोहराया कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा वर्तमान सरकार का मुख्य फोकस क्षेत्र हैं तथा इन क्षेत्रों में सुधार जारी रहेंगे।
आज यहाँ विधायकों की प्राथमिकता बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए पर्याप्त सुविधाएँ प्रदान किए बिना नए संस्थान खोलने को प्राथमिकता दी, जबकि उनकी सरकार उन्नत प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके और कर्मचारियों की कमी को दूर करके स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का आधुनिकीकरण कर रही है। उन्होंने कहा, “इन पहलों से निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार प्रगतिशील नीतिगत सुधारों को लागू करके राज्य की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करते हुए औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा, “राज्य सक्रिय रूप से पर्यटन, डेयरी फार्मिंग, आईटी और डेटा स्टोरेज, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ उद्योगों को बढ़ावा दे रहा है।”
मुख्यमंत्री ने कुरपन पेयजल योजना के लिए धनराशि आबंटित करने की घोषणा की तथा जल शक्ति विभाग को इस परियोजना को 30 अप्रैल तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि एवं वन विभाग को गगरेट में बांस आधारित उद्योगों की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने विधायकों से भविष्य की चुनौतियों से निपटने और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा, “विधायक क्षेत्रीय विकास में अहम भूमिका निभाते हैं और जमीनी स्तर पर उनका मजबूत प्रतिनिधित्व होता है। राज्य के बजट में उनके प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाएगी।”
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
मंडी जिले से कांग्रेस के सिर्फ़ एक विधायक चंद्रशेखर ही मौजूद थे, जबकि भाजपा के सभी नौ विधायकों ने बैठक का बहिष्कार किया था। चंद्रशेखर ने कहा कि बैठक में भाजपा विधायकों का न आना दुर्भाग्यपूर्ण है और मंडी जिले के लिए झटका है। उन्होंने कहा, “एक तरह से भाजपा बैठक से अनुपस्थित रहकर जानबूझकर विकास प्रस्तावों की अनदेखी कर रही है।”