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सनातन धर्म सभा की ओर से रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले बनकर तैयार

Effigies of Ravana, Kumbhakarna and Meghnad ready by Sanatan Dharma Sabha

जम्मू, 12 अक्टूबर । जम्मू-कश्मीर में श्री सनातन धर्म सभा की ओर से रावण दहन के लिए रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले बनाकर तैयार हैं।

लगभग 40 कारीगर इस कार्य के लिए समर्पित हैं। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश की है।

मोहम्मद गयासुद्दीन नाम के एक शख्स ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि वह 1985 से यह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमें बुलाने वाली सभा श्री सनातन धर्म सभा गीता भवन जम्मू है। इन्हीं के द्वारा यह काम होता है। हम रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतले बनाते हैं। सबसे बड़ा दशहरा उत्सव जम्मू के परेड ग्राउंड में आयोजित किया जाता है। हमारे द्वारा बनाए गए पुतले श्रीनगर, राजौरी और अन्य स्थानों पर भेजे जाते हैं। हमें गीता भवन से काफी सहयोग मिलता है। मैं उनका आभार जताता हूं।”

इलाके के अलग-अलग हिस्सों में जहां-जहां दशहरा का पर्व मनाया जाता है, हमारे यहां के बनाए पुतले जाते हैं। हम इसके जरिये भाईचारे का संदेश देते हैं। हमारे साथ हिंदू कारीगर के साथ मुस्लिम कारीगर भी काम करते हैं। पूरे हिंदुस्तान को हमारी तरफ से एक भाईचारे का संदेश जाता है।

मोहम्मद रिहान ने कहा कि इस बार 15-20 ऑर्डर हैं और करीब-करीब सभी तैयार हैं। अगर कोई और ऑर्डर मिलता है तो हम बनाने के लिए तैयार हैं। किसी साल ऑर्डर ज्यादा मिल जाते हैं तो किसी साल कम मिलते हैं। जो हम पुतला बनाते हैं, वे राजौरी, सुंदरमणि नौशेरा, उधमपुर, गांधीनगर तक जाते हैं। हमारे साथ 45 लोग काम करते हैं। हम 40 साल से यह काम कर रहे हैं। जनता के बढ़ने के साथ-साथ काम भी हम लोगों का बढ़ रहा है। पहले और आज के दशहरे में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है।

मोहम्मद कयुम का कहना है कि वह 1998 से यहां काम कर रहे हैं। पहले उनके पिता जी यहां पर काम करते थे। उन्होंने कहा, “हम लोग पीढ़ी दर पीढ़ी इस काम को कर रहे हैं। हम लोगों को सनातन सभा की ओर से बुलाया जाता है। इस बार करीब 50 ऑर्डर मिले हैं। कोरोना काल में हम लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।”

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