हैदराबाद, 27 अप्रैल । चुनाव आयोग ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव के खिलाफ कुछ विशेष आरोप लगाकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए तेलंगाना के पर्यावरण एवं वन मंत्री कोंडा सुरेखा की निंदा की है।
चुनाव पैनल ने यह आदेश बीआरएस नेता कर्ण प्रभाकर द्वारा दायर एक शिकायत से निपटने के दौरान पारित किया, जिसमें कहा गया था कि सुरेखा ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए रामा राव के खिलाफ निराधार और अपमानजनक आरोप लगाए हैं।
आयोग ने मंत्री को आदर्श आचार संहिता के दौरान अपने सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की सख्त चेतावनी दी, विशेषकर यह देखते हुए कि कांग्रेस के स्टार प्रचारक और एक मंत्री के रूप में किसी राजनीतिक दल या नेता पर आरोप लगाते समय शब्दों का सावधानीपूर्वक चयन करने की उनकी अतिरिक्त जिम्मेदारी बनती है।
आदेश में लिखा है, “बिना किसी सबूत के आपके द्वारा किया गया कोई भी असत्यापित या अप्रमाणित दावा विपक्ष के उम्मीदवार के राजनीतिक दल की छवि को खराब करने की प्रवृत्ति रखता है। वर्तमान मामले में, आपके द्वारा लगाए गए असत्यापित आरोपों से विपक्षी दल/नेता की छवि खराब होने और तेलंगाना में चल रही चुनाव प्रक्रिया के बीच अवसर की समानता समाप्त होने का खतरा है।”
आयोग का यह आदेश तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगने के बाद आया है। वारंगल जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी ने भी 1 अप्रैल को एक संवाददाता सम्मेलन में सुरेखा द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में एक रिपोर्ट भेजी थी। सुरेखा ने आरोप लगाया था कि केटीआर ने फोन टैपिंग की और सिनेतारिकाओं जैसे कई लोगों को ब्लैकमेल किया और कुछ अधिकारियों को नौकरी से हाथ धोने और जेल जाने की स्थिति में ला दिया।
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