लोकसभा में चुनावी सुधारों पर चर्चा चल रही है। इस बीच भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि चुनाव आयोग ने भी नागरिकों को पूरे वोटिंग अधिकार देने के लिए सुधार किए हैं और ऐसे कदमों का विरोध नहीं होना चाहिए।
आईएएनएस से बात करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, “चुनाव सुधारों के बारे में मैं बस इतना ही कहूंगा कि पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने ब्रिटिश जमाने के हजारों पुराने कानूनों को हटा दिया है। साथ ही आजाद भारत में लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए नए कानून बनाए गए हैं।”
उन्होंने कहा, “अब, चुनाव आयोग ने वोटरों को पूरे अधिकार देने के लिए चुनावी सुधार किए हैं। इसका कोई विरोध नहीं होना चाहिए। बिहार चुनावों के दौरान, किसी भी व्यक्ति ने यह दावा नहीं किया कि उनका वोट हटा दिया गया है। राजनीतिक पार्टियों के पास भी आपत्ति उठाने के लिए काफी समय था, लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि उन्हें वोट देने से रोका गया।”
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा चल रही है। सदन ने विस्तृत चर्चा के लिए 10 घंटे का समय दिया है।
लंबी बहस में आगे कई तरह की चिंताओं को शामिल किए जाने की उम्मीद है, जिसमें चुनाव आयोग की भूमिका, चुनाव प्रचार के लिए फंडिंग में पारदर्शिता, आपराधिक बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोकना, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता और मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शामिल हैं।
सरकार का कहना है कि इस कवायद का मकसद चुनावी निष्पक्षता को मजबूत करना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। हालांकि, विपक्ष से चुनावों की निष्पक्षता पर चिंता जताने और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ जैसे प्रस्तावों पर सवाल उठाने की उम्मीद है। बता दें कि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा की शुरुआत की है। चर्चा की शुरुआत से पहले स्पीकर ओम बिरला ने इसे संवेदनशील चर्चा बताते हुए सभी सदस्यों से आरोप-प्रत्यारोप से बचकर चुनाव सुधार पर केंद्रित रहने के लिए निवेदन किया।


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