August 8, 2025
National

चुनाव आयोग एक पार्टी प्रवक्ता की तरह बात न करे, राहुल के आरोपों का जवाब दे : कांग्रेस सांसद

Election Commission should not talk like a party spokesperson, should respond to Rahul’s allegations: Congress MP

बिहार एसआईआर प्रक्रिया पर घमासान के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नए दावों ने सियासत को और भड़का दिया है। राहुल गांधी ने ‘वोट-चोरी’ के तथाकथित सबूत दिए। इसी क्रम में, कांग्रेस पार्टी पहले के मुकाबले और हमलावर है। कांग्रेस सांसदों ने कहा कि चुनाव आयोग को राहुल गांधी के सबूतों के आधार पर जवाब देना चाहिए।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एसआईआर पर चर्चा के लिए सरकार आज भी तैयार नहीं है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के डॉक्यूमेंट से ही साबित कर दिया कि निश्चित साक्ष्य के साथ जबरदस्त गड़बड़ी हुई है। इसके बावजूद, मौजूदा सरकार इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने साक्ष्य के साथ जो सबूत रखे हैं, उनका जवाब सरकार को देना चाहिए। चुनाव आयोग भाजपा के प्रवक्ता की तरह बात न करे, बल्कि राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दे।”

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, “राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक-डेढ़ घंटे तक सिर्फ सबूत ही पेश किए थे, और क्या सबूत चाहिए? चुनाव आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि देश में निष्पक्ष चुनाव कराए, लेकिन आप सूची नहीं दे रहे हैं। मतदाताओं के भ्रम को दूर करना चुनाव आयोग का कर्तव्य है।”

इसी तरह, रंजीत रंजन ने कहा कि चुनाव आयोग के डॉक्यूमेंट के आधार पर ही कर्नाटक में एक विधानसभा में 6 महीने तक जांच के बाद एक लाख से अधिक फर्जी मतदाता मिले। मतदाता सूची में किसी का पता सही नहीं है और किसी की फोटो सही नहीं है, इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है?

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के दावों पर कहा, “राहुल गांधी ने सबूत दिखाए हैं, चुनाव आयोग को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और संसद में एसआईआर पर चर्चा होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “राहुल गांधी और क्या प्रमाण दें? उन्होंने सबूत दिए हैं। चुनाव आयोग यह बताए कि क्या वह सबूत गलत हैं। राहुल गांधी ने अलग-अलग लोगों का नाम लिया, क्या वह लोग गलत थे? यह चुनाव आयोग बताए।”

गौरव गोगोई ने कहा कि राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चुनाव आयोग ने जिस तरह से जवाब देना जरूरी समझा, उससे उनकी झिझक और बेचैनी साफ जाहिर होती है। वे राहुल गांधी के तीखे सवालों का सटीक जवाब नहीं दे पाए। अब वे सबूत और शपथ पत्र मांग रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी पहले ही सारे सबूत सार्वजनिक रूप से पेश कर चुके हैं।

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