नई दिल्ली, 14 फरवरी । भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने चुनाव के समय किसानों के नाम पर शुरू होने वाली राजनैतिक चुनावी पैंतरेबाजी को बंद करने की बात कहते हुए कहा है कि हिसंक आंदोलन को बीकेएस का समर्थन नहीं है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े किसानों के संगठन भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने किसान आंदोलन पर बयान जारी कर कहा कि भारतीय किसान संघ किसानों की उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहा है और देश की सरकारों के साथ संवाद कर किसानों के पक्ष को मजबूती से रखता आया है और जहां संवाद से रास्ता नहीं निकलता है तो वहां आंदोलन भी करता है।
उन्होंने आगे कहा कि किसान हित में लड़ने वाले संगठन लगातार किसानों की समस्या निवारण के लिए लड़ रहे हैं। सरकार किसी की भी हो सामंजस्य से किसानों की समस्याओं का समाधान निकाल भी रहे हैं। लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का हक है और वह उसे मिलना ही चाहिए। आज बीज व बाजार किसानों की प्रमुख समस्या है, मंडी के अंदर हो या बाहर, किसान के साथ बीज व बाजार में शोषण बंद होना चाहिए।
भारतीय किसान संघ के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि जब राजनैतिक मंशा से चुनाव के दौरान किसान के नाम पर आंदोलन होते हैं तो आंदोलन के दौरान होने वाली हिंसा, अराजक माहौल और राष्ट्र की संपति का नुकसान होने के कारण समाज में किसान के प्रति नकारात्मक भाव जन्म लेेता है। जिसका खामियाजा अपनी बेहतरी के लिए संघर्षरत किसान को चुकाना पड़ता है। जब कुछ लोग राजनैतिक मंशा के साथ किसानों के कंधे का प्रयोग अपने राजनीतिक हित को साधने के लिए करते हैं तो पीड़ा होती है।
उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ का मानना है कि जब किसान के नाम पर राजनैतिक आंदोलन चलता है तो इसका नुकसान सिर्फ किसानों को होता है। विगत वर्षों में मंदसौर व दिल्ली में हुए आंदोलन इस बात के प्रमाण हैं, जहां किसानों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी, लेकिन इसके बावजूद उनके मुद्दे जस के तस हैं इसलिए भारतीय किसान संघ का आग्रह है कि किसानों के नाम पर राजनैतिक चुनावी पैंतरेबाजी बंद होनी चाहिए।
बीकेएस के वरिष्ठ नेता ने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलनों की याद दिलाते हुए कहा कि 19 दिसंबर को देशभर से आए एक लाख किसानों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में अपनी मांगों को लेकर किसान गर्जना रैली की थी। यह अनुशासित और शांतिपूर्ण प्रदर्शन था, जिसमें देश भर से किसान दिल्ली आए, शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात सरकार से कही और बिना किसी को परेशान किए वापस लौट गए।
उन्होंने किसानों के हित में अपनी मांगों को दोहराते हुए फिर से सरकार के सामने कई मांगें रखी। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ की मांग है कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का अधिकार है जो उन्हें मिलना ही चाहिए, कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त की जाए, किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की जाए, जहर नहीं जैविक खेती पर जोर देते हुए जीएम बीज की अनुमति नहीं दी जाए, बीज को किसान का अधिकार माना जाए और साथ ही सरकार इस बात को भी सुनिश्चित करे कि किसानों को घोषित समर्थन मूल्य से बाजार भाव नीचे न जाए।