मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि हिमाचल प्रदेश निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योग अनुकूल नीतियां बनाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा अब भी राज्य में उद्योगों को दी जा रही बिजली पड़ोसी राज्यों की तुलना में सस्ती है।
आज यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया है। 33 केवी से 220 केवी तक की आपूर्ति वोल्टेज वाले बड़े उद्योगों को पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड जैसे पड़ोसी राज्यों की तुलना में एक रुपये प्रति यूनिट से भी अधिक सस्ती दरों पर बिजली दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इसका मतलब है कि हिमाचल प्रदेश के उद्योगों को अभी भी पड़ोसी राज्यों की तुलना में तुलनात्मक लाभ प्राप्त है। राज्य में केवल 159 उद्योग हैं, जिनकी आपूर्ति वोल्टेज 33 केवी से 220 केवी तक है।”
सुखू ने कहा कि 33 केवी से 220 केवी तक आपूर्ति वोल्टेज वाले बड़े उद्योगों के अलावा, राज्य में 11 केवी और 22 केवी आपूर्ति वोल्टेज वाले 2011 उद्योग हैं। इन उद्योगों को भी पड़ोसी राज्यों की तुलना में एक रुपये से अधिक का मूल्य लाभ जारी है।
सुखू ने कहा कि इन उद्योगों की मदद के लिए सरकार ने बिजली शुल्क को 16.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विशेष रूप से 31,298 लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इन उद्योगों के लिए सब्सिडी अपरिवर्तित रहेगी और ऊर्जा शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने से उद्योगों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचेगा। उन्होंने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “ये उद्योग राज्य के हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करते हैं और हम उनके निरंतर विकास का समर्थन करने के लिए दृढ़ हैं और राज्य उनके योगदान के लिए आभारी है।”
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