बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की शीर्ष संस्था, राष्ट्रीय विद्युत कर्मचारी एवं अभियंता समन्वय समिति (एनसीसीओईई) के बैनर तले मंगलवार को यहां उत्तरी क्षेत्र के राज्यों के बिजली कर्मचारियों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया।
सम्मेलन में सर्वसम्मति से बिजली के निजीकरण और बिजली कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी की निंदा की गई तथा 9 जुलाई को देशव्यापी आम हड़ताल की घोषणा की गई। हड़ताल की सफलता के लिए देशभर में उपभोक्ताओं और कर्मचारियों की संयुक्त बैठकें की जाएंगी। सम्मेलन में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, चंडीगढ़, राजस्थान से सैकड़ों पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया और समिति के संयोजक सुदीप दत्ता द्वारा प्रस्तुत हड़ताल के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
सम्मेलन में पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्कॉम के निजीकरण के यूपी सरकार के फैसले की निंदा की गई तथा यूपी बिजली कर्मचारियों के चल रहे आंदोलन के समर्थन में 2 जुलाई को पूरे देश में एकजुटता प्रदर्शित करने का निर्णय लिया गया। ईईएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि बिजली सरकार के लिए सेवा है, जबकि निजी कंपनी के लिए व्यापार। उन्होंने कहा कि निजीकरण के बाद बिजली गरीबों व किसानों की पहुंच से दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि घोषणा के बावजूद आठवें वेतन आयोग की अधिसूचना जारी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली, संविदा कर्मियों को नियमित करने, स्थायी भर्ती के माध्यम से रिक्त पदों को भरने जैसी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। एनएचपीसी यूनियन के चेयरमैन देवेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 9 जुलाई को हरियाणा में सभी संगठन एकजुटता दिखाते हुए हड़ताल करेंगे।
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