रांची, 11 अप्रैल । झारखंड के पेयजल स्वच्छता विभाग के स्वर्णरेखा शीर्ष कार्य प्रमंडल में 20 करोड़ रुपए के गबन के मामले में पुलिस ने बुधवार को कैशियर संतोष कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से करीब 51 लाख रुपए कैश भी बरामद किए गए।
विभाग की ओर से रांची में शहरी जलापूर्ति परियोजना के तहत एलएंडटी कंपनी को पाइपलाइन बिछाने का काम दिया गया था। आरोप है कि कैशियर संतोष कुमार ने दो फर्जी कंपनियां बनाकर एलएंडटी के बदले करीब 20 करोड़ का भुगतान उठा लिया और रकम अपने सगे-संबंधियों के खाते में ट्रांसफर कर दी। फर्जी तरीके से भुगतान उठाने का यह काम पिछले चार वर्षों से चल रहा था।
करीब तीन महीने पहले इस घोटाले का खुलासा हुआ। इसके बाद कार्यपालक अभियंता ने रांची के सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। संतोष कुमार मूलरूप से जहानाबाद जिले का रहने वाला है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से संतोष कुमार फरार चल रहा था। रांची के सिटी एसपी ने जांच के लिए स्पेशल टीम का गठन किया था। टीम ने बुधवार को आरोपी को सुखदेव नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत इंद्रपुरी रोड नंबर एक स्थित उसके ससुराल से गिरफ्तार किया। वह यहां छिपकर रह रहा था।
पुलिस ने उसके पास से 15 लाख रुपए बरामद किए। जबकि, उसकी निशानदेही पर अन्य जगहों से 35.98 लाख रुपए जब्त किए गए।
मामला सामने आने के बाद झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि चारा घोटाले की तर्ज पर झारखंड में पाइपलाइन घोटाला हुआ है। उन्होंने इसे लेकर झारखंड के पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर पर भी सवाल उठाया है और इसकी जांच ईडी से कराने की मांग की है।