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मंडी हाइवे पर अतिक्रमण बना हादसे का कारण

पालमपुर  :   इस तथ्य के बावजूद कि यहां एचपी कृषि विश्वविद्यालय के पास संकीर्ण पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई दर्जन दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अभी तक उन अतिक्रमणों को नहीं हटाया है जो यातायात के लिए एक बड़ा खतरा हैं। हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने में एनएचएआई विफल रहा है।

पालमपुर, बैजनाथ, पपरोला, नगरोटा बगवां, मटौर और शाहपुर में हाईवे पर मशरूम अतिक्रमण चिंता का विषय बन गया है। कांगड़ा जिले के विभिन्न कस्बों से गुजरने वाले राजमार्ग की चौड़ाई अवैध निर्माण के कारण काफी कम हो गई है, जिससे पैदल चलने वालों और मोटर चालकों को खतरा है।

विगत एक वर्ष में विश्वविद्यालय, बनुरी, सुंगल व आवेरी के समीप हाईवे पर करीब 30 अनधिकृत दुकानें खुल गई हैं।

इस मार्ग पर कई हादसे हो चुके हैं। इसी तरह समलोटी के पास बानेर पर बने पुल के दोनों ओर टीन के कई शेड और अस्थायी दुकानें भी बन गई हैं। लोगों के विरोध के बावजूद एनएचएआई कोई कार्रवाई करने में विफल रही है।

एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पहले ही उल्लंघनकर्ताओं को नोटिस दिया था। “हमने पालमपुर, नगरोटा बगवां, बैजनाथ और शाहपुर के उप-मंडल मजिस्ट्रेटों और उन क्षेत्रों के पुलिस उपाधीक्षकों को भी सूचित किया है जहां ऐसी संपत्तियां सामने आई हैं। हालांकि, एनएचएआई को अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया है।

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