उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक छात्रों के लिए उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम अनिवार्य कर दिया है।
यह पाठ्यक्रम 18 सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में पहले ही शुरू किया जा चुका है। इस कार्यक्रम के तहत, प्रत्येक स्नातक छात्र किसी व्यवसाय या सेवा संबंधी विचार पर काम करेगा, उसे प्रत्येक सेमेस्टर में परिष्कृत और क्रियान्वित करेगा। छात्रों की प्रगति का मूल्यांकन व्यवहार्यता, नवाचार और राजस्व सृजन के आधार पर किया जाएगा।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, “इस कार्यक्रम के तहत, छात्रों को हर सेमेस्टर में 10,000 रुपये कमाने का लक्ष्य दिया जा सकता है। इससे उनके मार्केटिंग और उद्यमिता कौशल को बढ़ावा मिलेगा।”
उच्च शिक्षा एवं भाषा सचिव अनिंदिता मित्रा द्वारा जारी एक परामर्श में, विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस पाठ्यक्रम को लागू करने का निर्देश दिया गया है। चरणबद्ध कार्यान्वयन के तहत, यह कार्यक्रम 2025-26 शैक्षणिक सत्र से बीटेक, बीकॉम, बीबीए और बीवीओसी पाठ्यक्रमों में शुरू किया जाएगा, और अगले वर्ष अन्य स्नातक पाठ्यक्रमों में भी इसका विस्तार किया जाएगा।