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दक्षिणी तमिलनाडु के 4 टोल प्लाजा पर सरकारी बसों का प्रवेश था बैन, मद्रास हाईकोर्ट ने रोक हटाई

Entry of government buses was banned at 4 toll plazas in southern Tamil Nadu, Madras High Court lifted the ban

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में 4 टोल प्लाजा पर सरकारी बसों के प्रवेश पर लगी रोक को अस्थायी रूप से हटा दिया है। यह नया आदेश 31 जुलाई तक लागू रहेगा। पहले कोर्ट ने बकाया टोल भुगतान के कारण सरकारी बसों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया था।

पहले कोर्ट ने 276 करोड़ रुपये के बकाया टोल टैक्स के कारण काप्पलूर, चट्टई पुदुर, नंगुनेरी और एक अन्य टोल प्लाजा पर सरकारी बसों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। गुरुवार को जस्टिस आनंद वेंकटेश ने राज्य सरकार की ओर से दायर एक समीक्षा याचिका पर सुनवाई की।

अतिरिक्त महाधिवक्ता रविंद्रन ने कोर्ट को बताया कि परिवहन विभाग के सचिव और टोल प्लाजा प्रबंधन कंपनियों के बीच इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि बकाया भुगतान के मामले को सुलझाने तक रोक को हटाया जाए, ताकि आम लोगों को परेशानी न हो।

राज्य सरकार ने तर्क दिया कि टोल प्लाजा पर सरकारी बसों की रोक से यात्रियों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भारी असुविधा हो रही थी। जस्टिस आनंद वेंकटेश ने सरकार की दलील को स्वीकार करते हुए पिछले आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि 31 जुलाई तक सरकारी बसें इन टोल प्लाजा से गुजर सकेंगी।

साथ ही, कोर्ट ने परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि वह टोल प्रबंधन कंपनियों के साथ जल्द से जल्द बकाया भुगतान का मसला सुलझाए। इस फैसले से दक्षिणी तमिलनाडु के यात्रियों को बड़ी राहत मिली है, जो सरकारी बसों पर निर्भर हैं। पहले के आदेश में कोर्ट ने बकाया टोल राशि को लेकर सख्त रुख अपनाया था।

राज्य सरकार की ओर से संचालित बसें इन टोल प्लाजा से मुफ्त में गुजर रही थीं, जिसके कारण टोल प्रबंधन कंपनियों ने भुगतान की मांग की थी। मामला कोर्ट तक पहुंचा, और बकाया राशि न चुकाने पर रोक का आदेश जारी हुआ था। अब सरकार और टोल कंपनियों के बीच चल रही बातचीत से इस विवाद के जल्द सुलझने की उम्मीद है।

कोर्ट ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह इस अवधि में टोल भुगतान का स्थायी समाधान निकाले, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न आए।

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