January 20, 2025
Uttar Pradesh

महाकुंभ में पहुंचे पर्यावरण बाबा, संगम नगरी में दे रहे पर्यावरण संरक्षण का संदेश

Environment Baba reached Mahakumbh, giving message of environmental protection in Sangam city

महाकुंभ नगर, 20 जनवरी । आस्था की नगरी संगम नगरी प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हिमाचल प्रदेश से साइकिल यात्रा करते हुए पर्यावरण बाबा राम बाहुबली दास का आगमन हुआ है। वह गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर पहुंचे हैं और यहां अपने अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं। राम बाहुबली बाबा विशेष रूप से सफेद धोती में साइकिल पर यात्रा करते हुए छोटे-छोटे पौधों के साथ मेला क्षेत्र में घूमते हैं।

राम बाहुबली बाबा का उद्देश्य है कि वह साधुओं और श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाएं और उन्हें वृक्षारोपण के महत्व के बारे में जागरूक करें। वे मेला क्षेत्र में चलते हुए राहगीरों को पेड़ उपहार स्वरूप देते हैं और उन्हें इस बात का अहसास कराते हैं कि हमें केवल प्रकृति से लेना ही नहीं है, बल्कि उसे बचाने और संरक्षित करने की जिम्मेदारी भी है। महाकुंभ में आस्था के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की बात करने वाले राम बाहुबली बाबा का नाम अब प्रमुखता से लिया जा रहा है। वह न केवल साइकिल से यात्रा करते हुए पौधे वितरित कर रहे हैं, बल्कि जीव जंतु, नदी, पर्वत, जंगल और गोवंश की रक्षा का संदेश भी दे रहे हैं। इनका यह संदेश खास तौर पर इस समय महत्वपूर्ण हो गया है, जब देशभर में प्रदूषण और पर्यावरणीय समस्याएं बढ़ रही हैं।

संगम क्षेत्र में जहां रोजाना लाखों श्रद्धालु आते हैं, वहीं राम बाहुबली बाबा का यह अनूठा पहल देश और दुनिया भर के भक्तों और पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है। उनके इस प्रयास से महाकुंभ में एक नई दिशा दिखाई दे रही है, जहां आस्था के साथ-साथ प्रकृति की भी पूजा हो रही है।

संत राम बाहुबली दास उर्फ पर्यावरण बाबा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि हमारा गुरु स्थान अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले में है। उन्होंने बताया कि यात्रा करते हुए वह हिमाचल प्रदेश और पंजाब से साइकिल पर आए हैं और यह उनकी 16वीं साइकिल यात्रा है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष में मैं चार से छह महीने तक साइकिल चलाकर लोगों को पेड़-पौधों और नदियों के संरक्षण के लिए जागरूक करता हूं। इस यात्रा में हम त्रिवेणी पेड़ जैसे बरगद, पीपल, पाकड़ जैसे पेड़ लगाते हैं, जो प्राणवायु देने वाले होते हैं। हर वर्ष यह यात्रा मैं करता हूं और इस दौरान गांवों में सफाई करता हूं। लोगों को जागरूक करता हूं कि जंगलों को जलाने की बजाय उन्हें बचाया जाए।

उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा धरती माता के पुत्र के रूप में सेवा का संकल्प लिया है। जब मुझे वैश्विक तापमान वृद्धि और प्रदूषण के बारे में चिंता हुई, तो मैंने साइकिल यात्रा शुरू की, ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके। यह यात्रा पिछले 18 वर्षों से जारी है और मैं प्रतिवर्ष साइकिल पर यात्रा करता हूं। कुंभ में भी मेरा संकल्प था लाखों पेड़ लगवाने का, हालांकि वहां भीड़ अधिक होने के कारण मैं उतना वितरण नहीं कर पाया, लेकिन हजारों पेड़ लगाए गए और लोगों को संकल्प दिलवाए गए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रकृति और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के कार्यों की मैं सराहना करता हूं। उनका शौचालय अभियान और वृक्षारोपण के लिए जागरूकता फैलाने का प्रयास बहुत सराहनीय है। देश में विकास के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण की आवश्यकता है। मैं चाहता हूं कि सरकार विकास के साथ-साथ वृक्षारोपण की गति को भी तेज करे।

महाकुंभ में आए प्रखर ने बताया कि महाराज जी ने मुझे एक पेड़ दिया और कहा कि इसे लगाएं। मैं जब यहां मेला घूमते हुए आया, तो महाराज जी ने मुझे यह पौधा दिया और कहा कि इसे लगाकर संरक्षित करें। इन पेड़ों को संरक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि महाराज जी दिनभर सैकड़ों लोगों को यह संदेश देते रहते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि वह लोगों को प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास करा रहे हैं। यह समझा रहे हैं कि हमें केवल प्रकृति से लेना ही नहीं है, बल्कि उसे देना भी है, और खासकर वृक्षों के लिए।

प्रखर ने आगे कहा कि मुझे तो लगता है कि इस पूरे कुंभ में सबसे बेहतरीन पहल महाराज जी की है, क्योंकि हम दिल्ली में प्रदूषण के कारण जूझ रहे हैं। अगर यह पहल पूरे देश में फैलेगी और हम पेड़ लगाएंगे, तो हमारी वायु गुणवत्ता सुधरेगी। इससे पूरे देश को इसका फायदा मिलेगा, खासकर साफ हवा और एक स्वस्थ वातावरण मिलेगा। जब हम स्वस्थ रहेंगे, तो देश अपने आप तरक्की करेगा। यह सारी चीजें आपस में एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं।

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