कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय कार्यालय ने 144 कंपनियों को अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) अंशदान जमा न करने के लिए नोटिस जारी किया है। ईपीएफओ ने चेतावनी दी है कि अगर निर्धारित समय के भीतर बकाया अंशदान जमा नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ईपीएफओ के एक अधिकारी ने बताया कि कथित तौर पर ये कंपनियां 1 अप्रैल से जरूरी पीएफ अंशदान जमा करने में विफल रही हैं। इन डिफॉल्टरों को नोटिस जारी करना कानूनी तौर पर जरूरी है और अगर कंपनियां बकाया राशि का भुगतान समय पर नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट या बैंक खाते की कुर्की जैसी कार्रवाई की जा सकती है। अधिकारी ने कहा, “अगर अंशदान का भुगतान नहीं किया जाता है तो विभाग के पास पीएफ अधिनियम के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अधिकार है।”
वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान फरीदाबाद और पलवल क्षेत्र की 70 कंपनियों से गिरफ़्तारी वारंट के बाद 6.16 करोड़ रुपए की वसूली की गई। इस प्रक्रिया में 120 बैंक खाते भी फ्रीज किए गए।
पिछले साल 56 कंपनियों को पीएफ डिफॉल्ट के कारण अपने बैंक खाते कुर्क करने पड़े। सरकारी नियमों के तहत कंपनियों को कर्मचारी के मूल वेतन का 12%, नियोक्ता के बराबर अंशदान के बराबर, ईपीएफओ में जमा करना होता है। विभाग पीएफ और आयकर अधिनियम के तहत वसूली की कार्रवाई कर सकता है, जिसमें पीएफ अधिनियम की धारा 8-बी और 8-जी के तहत वारंट जारी करना शामिल है।
ईपीएफओ के सहायक आयुक्त कृष्ण कुमार ने कहा कि डिफॉल्टरों को नियमित नोटिस जारी किए जाते हैं। अगर कंपनियां अनुपालन नहीं करती हैं तो विभाग बैंक खातों, संपत्ति की कुर्की और गिरफ्तारी वारंट जैसी कार्रवाई कर सकता है।