January 19, 2025
National

इटावा बार काउंसिल ने वकीलों से मांगा आपराधिक रिकॉर्ड का विवरण

Etawah Bar Council asks for details of criminal records from lawyers

इटावा, 30 नवंबर । इटावा बार काउंसिल उत्तर प्रदेश आपराधिक प्रवृत्ति के अधिवक्ताओं की सूची तैयार कर उन पर कार्यवाही की तैयारी में जुटी है। यूपी बार काउंसिल ने प्रदेश भर के जिला जज, जिला बार, जिलाधिकारी और एसएसपी से विवरण मांगा है।

बार काउंसिल ने प्रदेश भर के अधिवक्ताओं के खिलाफ एक से अधिक आपराधिक दर्ज मामलों का विवरण दस दिवस के अंदर मांगा है। ऐसे में इटावा जिला बार से भी अधिवक्ताओं से मुकदमों का विवरण देने का अनुरोध किया गया है। विवरण न देने पर कार्यवाही की भी बात कही है।

इटावा यूपी बार काउंसिल के निर्देश पर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने जिले के वकीलों को पत्र लिखकर उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का विवरण मांगा है।

इस संबंध में यूपी बार काउंसिल ने जिला जज, जिला अधिकारी व एसएसपी को भी पत्र लिखा है। इटावा बार में करीब 1400 सौ अधिवक्ता है, जिनमें से 900 ही अधिवक्ताओं का सीओपी जारी हुआ हैं। इनमें महिला अधिवक्ता भी शामिल हैं।

बार काउंसिल उत्तर प्रदेश की 29 सितम्बर को सामान्य बैठक हुई। जिसमें यह निर्णय पारित किया गया कि प्रदेश भर के सभी अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों का विवरण प्राप्त कर आपराधिक प्रवृत्ति के अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्यवाही की जा सके।

इटावा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह गौर ने बताया कि यूपी बार काउंसिल ने सभी जिले के बार अध्यक्षों को पत्र लिखकर जिलों में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों के खिलाफ आपराधिक दर्ज मामलों का विवरण मांगा है। इस संबंध में उन्होने जिले के सभी अधिवक्ताओं को पत्र के माध्यम से सूचना दी है। यदि किसी के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है तो वह अपना विवरण दे दें। जिसे यूपी बार काउंसिल को भेजा जा सके।

उन्होंने बताया इस पेशे में कई आपराधिक प्रवृत्ति के अधिवक्ता भी शामिल होकर इस काम को बदनाम करने में जुटे हुए हैं। मेरी खुद की जानकारी में इटावा बार में करीब एक दर्जन ऐसे अधिवक्ता हैं, जिनके ऊपर कई-कई मुकदमे दर्ज हैं।

ऐसे अधिवक्ता गैरकानूनी कार्य करने के लिए अधिवक्ता बने हुए हैं। इस पेशे की छवि धूमिल करने में लगे हुए हैं। इसी के तहत बार काउंसिल उत्तर प्रदेश ने पत्राचार करके ऐसे अधिवक्ताओं की जानकारी मांगी है। उम्मीद है आपराधिक प्रवृत्ति के अधिवक्ताओं के खिलाफ जल्द से जल्द बार काउंसिल कोई निर्णय लेगी।

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