उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज कहा कि संघीय ढांचे में केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करना प्रत्येक राज्य का अधिकार है।
विधानसभा में बारिश से हुई तबाही पर बहस के दौरान बोलते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि सेराज में बाढ़ के पानी में लकड़ियाँ तैरती देखी गईं, जिसके बाद कई लोगों ने विकास के दोषपूर्ण मॉडल की ओर इशारा किया था, लेकिन हमने ऐसी आलोचनाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी क्षेत्र में आपदा आ सकती है, इसलिए ऐसे समय में राजनीति करना गलत है।
उन्होंने कहा, “नेता प्रतिपक्ष और भाजपा को केंद्र सरकार से विशेष धनराशि मिलनी चाहिए, क्योंकि ऐसा लगता है कि पहले आप राज्य को मिलने वाली वित्तीय मदद रोकने के लिए दिल्ली गए थे, लेकिन अब आप सिराज के लिए क्षेत्र-विशेष राहत की मांग कर रहे हैं। हालाँकि, हमें इससे भी कोई समस्या नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि अकेले जल शक्ति विभाग को ही चालू मानसून सीज़न में अब तक 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
धरमपुर विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिना किसी भी खनन, सड़क निर्माण, सुरंग निर्माण या प्रायोगिक कार्य की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जिससे राज्य की पारिस्थितिकी प्रभावित हो सकती है। उन्होंने आगे कहा, “अब समय आ गया है कि हम जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और विनाशकारी गतिविधियों पर ध्यान दें और उन्हें अनदेखा न करें, अन्यथा हिमाचल और भी अधिक असुरक्षित हो जाएगा।”
विधायक अनिल शर्मा (मंडी सदर), केवल सिंह पठानिया (शाहपुर), विनोद कुमार (नाचन), सुरेश कुमार (भोरंज) और हंस राज (चुराह) ने बहस में भाग लिया।
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