नई दिल्ली, 3 जून । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के विधायक पिन्नेली रामकृष्णा रेड्डी को फटकार लगाते हुए उनके मतगणना केंद्र पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। एक मतदान केंद्र पर ईवीएम पटकने का विधायक का वीडियो कैमरे में कैद हो गया था।
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने घटना का वीडियो देखने के बाद कहा कि ईवीएम को जमीन पर पटकने का आरोप “सिस्टम की खिल्ली उड़ाने” जैसा है। अदालत ने कहा कि यदि अंतरिम सुरक्षा देने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो यह भी पूरी न्याय प्रणाली का उपहास उड़ाने जैसा होगा। पीठ में न्यायमूर्ति संदीप कुमार भी शामिल थे।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में मचेरला विधायक के वकील विकास सिंह द्वारा वाईएसआरसीपी नेता की ओर से दायर उस हलफनामे पर भी विचार किया जिसमें कहा गया था कि वह मंगलवार को मतगणना केंद्र या उसके आसपास नहीं जायेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय से अंतरिम सुरक्षा देने के अपने पूर्व के फैसले से प्रभावित हुए बिना, मामले में अग्रिम जमानत की याचिका पर गुण-दोष के आधार विचार करने के लिए कहा।
हाई कोर्ट ने 23 मई को अपने अंतरिम आदेश में मतदान के दौरान ईवीएम पटकने के मामले में 5 जून तक आरोपी विधायक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ टीडीपी के एक पोलिंग एजेंट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि रामकृष्णा रेड्डी के रसूख के दबाव में वीआरओ ने अपनी रिपोर्ट में मतदान केंद्र में ईवीएम को नुकसान पहुंचाने का आरोप अज्ञात लोगों पर लगाया था।
रामकृष्णा रेड्डी वाईएसआरसीपी उम्मीदवार के रूप में पांचवीं बार विधायकी के लिए मचेरला से चुनाव मैदान में हैं। पुलिस ने ईवीएम पटकने का उनका वीडियो वायरल होने के बाद आईपीसी; जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951; और लोक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम (पीडीपीपी) अधिनियम, 1984 की संबंधित धाराओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
घटना मचेरला में 13 मई को मतदान के दिन एक मतदान केंद्र की है। ईवीएम पटकने का वीडियो वायरल होने के बाद चुनाव आयोग ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था।
बाद में विधायक के खिलाफ मतदान के दिन हिंसा की साजिश के तीन नये मामले दर्ज किये गये थे।