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जल-संबंधी सभी कानूनों के लिए विशेषज्ञ समिति एक व्यापक अधिनियम बनाएगी: मुख्यमंत्री

Expert committee will make a comprehensive act for all water-related laws: Chief Minister

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जल से संबंधित सभी कानूनों को मिलाकर एक व्यापक अधिनियम बनाएं। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी।

यहां उच्चस्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सुखू ने कहा कि राज्य सरकार हर कीमत पर हिमाचल प्रदेश के लोगों के हितों की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधनों का समुचित उपयोग किया जाएगा और अदालती मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा।

जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर लगाने सहित जल से जुड़े कई मुद्दे कानूनी पचड़ों में फंसे हुए हैं, इसलिए राज्य सरकार चाहती है कि कानूनी और अन्य विशेषज्ञों की राय ली जाए ताकि जल से जुड़े सभी मुद्दों पर कानून बनाया जा सके। हिमाचल सरकार को जल उपकर से 1,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद थी, जो मुकदमेबाजी के दौर से गुजर रहा था क्योंकि कई बिजली उत्पादकों ने इसे अदालत में चुनौती दी थी।

मुख्यमंत्री ने ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों को स्वीकार किया तथा विनाश का कारण बनने वाली बादल फटने और बाढ़ की बढ़ती घटनाओं पर अध्ययन की आवश्यकता दोहराई।

सुखू ने राज्य की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों को दोहराया। उन्होंने दावा किया, “राजकोषीय सुधारों ने सरकार को अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) जारी करने में सक्षम बनाया है। यह पहले दिए गए 7 प्रतिशत डीए के बाद है, जबकि पिछली भाजपा सरकार ने राज्य के हितों की अनदेखी की थी, जिससे निवेश खत्म हो गया था।”

बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, महाधिवक्ता अनूप रतन, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, हिमाचल प्रदेश राज्य जल उपकर आयोग के अध्यक्ष अमिताभ अवस्थी, विधि सचिव शरद कुमार लगवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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