गुरु रविदास की 648वीं जयंती के उपलक्ष्य में सोमवार को चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम संत शिरोमणि गुरु रविदास शोध केंद्र द्वारा विश्वविद्यालय के हिंदी, संस्कृत और पंजाबी विभागों के सहयोग से आयोजित किया गया था। व्याख्यान सीवी रमन ऑडिटोरियम में हुआ।
मुख्य वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि विभाग के अजीत सिंह चहल ने “संत शिरोमणि गुरु रविदास: समानता और भाईचारे की संवैधानिक अवधारणा” विषय पर एक प्रेरक व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार गुरु रविदास सामाजिक समानता और भाईचारे के अग्रदूत थे।
उन्होंने बताया कि उनके विचार संविधान में वर्णित समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। गुरु रविदास ने जाति और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी, एकता और सद्भाव को बढ़ावा दिया, ये मूल्य आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने युवाओं को एक संपूर्ण जीवन के लिए इन मूल्यों को अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सीडीएलयू के रजिस्ट्रार राजेश कुमार बंसल ने की, जिन्होंने इस अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने करियर का निर्धारण करने और जीवन में आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया। कुलपति प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय में नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। संत शिरोमणि गुरु रविदास शोध केंद्र के प्रभारी डॉ. राकेश कुमार ने केंद्र के कार्यों के बारे में जानकारी साझा की।
उन्होंने कहा कि संस्थान का प्राथमिक लक्ष्य गुरु रविदास के विचारों पर शोध करना तथा समाज में समानता और एकता के उनके संदेशों को फैलाना है। इस कार्यक्रम में डीन (छात्र कल्याण) राजकुमार, रविंदर और अमित सहित विभिन्न संकाय सदस्यों ने भाग लिया। रंजीत कौर ने वक्ता का गर्मजोशी से स्वागत किया और जसबीर सिंह ने उनका परिचय कराया।
कार्यक्रम का संचालन गुरसाहिब सिंह ने किया, जबकि विनोद के नेतृत्व में संगीत विभाग ने गुरु रविदास को समर्पित भक्ति गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का समापन सेवा सिंह बाजवा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।