अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय (सीडीएलयू), सिरसा ने “महिला स्वास्थ्य, उसकी शक्ति: महिलाओं का पोषण, भविष्य का पोषण” विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। यह कार्यक्रम खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ का संयुक्त प्रयास था।
खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख डॉ. संजू बाला धुल ने आज की जीवनशैली में महिलाओं के स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के महत्व पर चर्चा की। इस सत्र की मेज़बानी वनस्पति विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. ज्योति रानी और डॉ. चनप्रीत ने की।
पैनल में आहार विशेषज्ञ डॉ. रचना अग्रवाल, आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीपिका शर्मा, जैव प्रौद्योगिकी विभाग की प्रोफेसर प्रियंका सिवाच और शिक्षा संकाय की डीन प्रोफेसर निवेदिता हुड्डा सहित कई विशेषज्ञ शामिल थे।
चर्चा में संतुलित पोषण, ध्यानपूर्वक भोजन, शारीरिक गतिविधि, पर्याप्त नींद और भावनात्मक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रोफ़ेसर प्रियंका सिवाच ने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के महत्व पर ज़ोर दिया और महिलाओं को आत्म-स्वीकृति और आत्म-प्रेम को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रोफ़ेसर निवेदिता हुड्डा ने प्रोटीन, फाइबर और स्वस्थ वसा से भरपूर आहार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और जंक फ़ूड के नकारात्मक प्रभावों पर ज़ोर दिया।
डॉ. रचना अग्रवाल ने महिलाओं के लिए संतुलित आहार के महत्व के बारे में बात की, जिसमें उचित मात्रा में भोजन लेने और मौसमी खाद्य पदार्थों के लाभों पर ध्यान केंद्रित किया गया। डॉ. दीपिका शर्मा ने तीन ‘दोषों’ – वात, पित्त और कफ की आयुर्वेदिक अवधारणा को समझाया और मासिक धर्म के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सही आहार विकल्पों की भूमिका पर चर्चा की।
कार्यक्रम में एनसीसी आर्मी विंग की लड़कियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिन्होंने प्रेरक भाषण दिए और महिला सशक्तिकरण पर पोस्टर प्रस्तुत किए। एनसीसी कैडेट कविता और सत्य ने अपनी कविता और प्रस्तुतियों के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण पर प्रकाश डाला। एनसीसी समन्वयक प्रोफेसर रचना अहलावत ने छात्रों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करने और समाज में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने के लिए जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।