January 8, 2025
National

विदेश मंत्री जयशंकर प्रवासी भारतीय दिवस में भाग लेने के लिए पहुंचे भुवनेश्वर

External Affairs Minister S Jaishankar arrives in Bhubaneswar to attend Pravasi Bharatiya Divas

विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को ओडिशा के पांच दिवसीय दौरे पर भुवनेश्वर पहुंचे। वह ओड‍िशा में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस में भाग लेंगे। यह कार्यक्रम 8 से 10 जनवरी के बीच भुवनेश्वर में आयोजित किया जा रहा है।

जयशंकर का भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री पार्वती परिदा, और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने स्वागत किया। इसके बाद, वह रात्रि विश्राम के लिए कोणार्क के इको रिट्रीट चले गए। मंगलवार सुबह उनका कोणार्क सूर्य मंदिर जाने का कार्यक्रम है। इसके बाद वह पुरी में 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर, पुरी के हेरिटेज शिल्प गांव रघुराजपुर, धौली शांति स्तूप और भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर भी जा सकते हैं।

विदेश मंत्री 8 जनवरी से शुरू होने वाले तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस में भाग लेंगे। यह कार्यक्रम जनता मैदान में आयोजित होगा। उन्होंने सोमवार को मीडिया से कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि प्रवासी भारतीय दिवस भव्य तरीके से मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री मोहन माझी ने मुझे बताया है कि सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम शानदार होगा।”

यह आयोजन पहली बार भारत के पूर्वी हिस्से में हो रहा है, जिससे केंद्र की ‘पूर्वोदय’ परियोजना को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है। इस परियोजना का उद्देश्य बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों का सर्वांगीण विकास है। ओडिशा के खनिजों और प्राकृतिक संसाधनों का समृद्ध भंडार इस मिशन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राज्य खनन, लौह और इस्पात निर्माण, समुद्री अर्थव्यवस्था, खेल, कौशल और ज्ञान अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में भी आगे बढ़ रहा है।

इस कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों के योगदान को विशेष रूप से उजागर किया जाएगा। प्रवासी भारतीयों ने विदेशों में भारतीय संस्कृति, मूल्यों और लोकाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके साथ ही, रामायण, प्रौद्योगिकी और प्रवासी भारतीयों पर विशेष प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी। रामायण प्रदर्शनी में यह दिखाया जाएगा कि कैसे यह महाकाव्य दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में पहुंचा और वहां आज भी स्थानीय लोगों और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन ओडिशा के लिए एक बड़ा अवसर है, जहां वह दुनिया को यह दिखा सकता है कि वह विकास और समृद्धि के मामले में किस कदर अग्रणी है।

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