देखन में छोटन लगे…’ बढ़ती उम्र में घटती चेहरे की चमक, झुर्रियां हो या थकान, पीठ दर्द, तनाव, इसमें बड़ी लाभकारी है छोटी सी सुई। जी हां! छोटी सी सुई का इस्तेमाल कर इन समस्याओं को खत्म करने की प्रक्रिया को मेडिकल साइंस ने नाम दिया है फेशियल एक्यूपंक्चर।
चिकित्सक बताते हैं कि फेशियल एक्यूपंक्चर अंदर से बाहर तक चमक लाने का काम करता है। सेलिब्रिटी से लेकर आम जन भी इसे अपनाते हैं और मानते हैं कि यह बड़े काम की चीज है। एक्यूपंक्चरिस्ट बताते हैं कि जब चेहरे के एक्यूपंक्चर प्वाइंट्स में सुइयों को डाला जाता है, तो वे जगह सक्रिय हो जाते हैं।
ये सुइयां आमतौर पर आंखों, मुंह, माथे और गालों के आसपास डाली जाती हैं, उन प्वाइंट्स पर डाली जाती हैं, जहां महीन रेखाएं, झुर्रियां और अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं अधिक होती हैं। सुइयों को बहुत पतला बनाया जाता है, इसलिए उपचार के दौरान केवल हल्की चुभन महसूस होती है। अधिकांश लोगों को उपचार बहुत आरामदायक लगता है और कई लोग इसके दौरान सो भी जाते हैं।
सुइयां डाले जाने के बाद लगभग 23 से 40 मिनट तक आराम करने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस दौरान आप चाहे तो सो सकते हैं या फिर संगीत भी सुन सकते हैं।
फिल्म जगत के सितारे भी खुद को फिट रखने और चेहरे पर चमक लाने के लिए फेशियल एक्यूपंक्चर का इस्तेमाल करते हैं।
अभिनेत्री मल्लिका शेरावत अक्सर इस सरल और चमत्कारी विधि को अपनाती हैं। अपने एक पोस्ट में उन्होंने बताया था, “फेशियल एक्यूपंक्चर मुझे भीतर से बाहर तक निखारने का काम करता है। यह न केवल चेहरे बल्कि शरीर, मन और आत्मा के लिए भी है।”
अभिनेत्री जरीन खान भी एक्यूपंक्चर को अपनाती हैं, उन्होंने एक पोस्ट में जिक्र किया, “आइए एक्यूपंक्चर के बारे में बात करते हैं क्योंकि समस्याओं का इलाज हमेशा दवाइयों के रूप में नहीं आता। यह सुई संतुलन, ऊर्जा और आपके शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता के बारे में है।”
‘मेरिडियन हेल्थकेयर’ में छपे एक लेख के अनुसार, एक्यूपंक्चर आपकी त्वचा को प्राकृतिक रूप से चमकदार बनाने का बेहतरीन तरीका है। यह झुर्रियों और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इससे दवाओं या सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे यह बिना किसी दुष्प्रभाव के सुंदर और चमकदार त्वचा को बनाए रखने का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है।
फेशियल एक्यूपंक्चर कई मायनों में लाभकारी है। एक्यूपंक्चरिस्ट बताते हैं, “यह परंपरा सदियों पुरानी है और चीनी चिकित्सा पद्धति का हिस्सा रही है। आज के समय में यह भारत में भी खूब प्रचलित है। इससे सिरदर्द से लेकर पुराने दर्द और कई समस्याओं के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। एक तरीके से यह चेहरे के साथ ही शरीर के सिस्टम को भी रीसेट करता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि इससे इतने लाभ मिलते हैं, जिन्हें उंगलियों पर नहीं गिना जा सकता। पुराने दर्द, पीठ, जोड़ों और सिरदर्द में भी यह राहत देता है। तनाव और चिंता को कम करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ाता है। पाचन और हार्मोनल संतुलन में सुधार के साथ इससे बेहतर नींद भी आती है।
यह कोलेजन का उत्पादन बढ़ाता, झुर्रियों को कम करता और त्वचा की रंगत और बनावट में भी सुधार करता है। जिन लोगों के चेहरे पर सूजन रहती है, मुंहासे और दाग-धब्बों से परेशान रहते हैं, उनके लिए यह और भी फायदेमंद होता है।