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फरीदाबाद: विधानसभा चुनाव से पहले टिकट चाहने वालों को चयन प्रक्रिया की चिंता

Faridabad: Before the assembly elections, ticket seekers are worried about the selection process.

फरीदाबाद, 20 जुलाई चूंकि अधिकांश इच्छुक उम्मीदवार और उनके समर्थक महसूस करते हैं कि लोकसभा चुनाव के परिणाम का राज्य विधानसभा चुनाव पर ज्यादा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, इसलिए वे पार्टी नेताओं द्वारा अपनाई गई चयन प्रक्रिया को चिंता का विषय मानते हैं।

राजनीतिक विश्लेषक वरुण श्योकंद कहते हैं, “हालांकि कई उम्मीदवारों ने सूची में अपनी वरीयता सुनिश्चित करने के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है, लेकिन उनमें से अधिकांश स्पष्ट चयन प्रक्रिया की अनुपस्थिति के कारण अपने भाग्य के बारे में निश्चित नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान में प्रभावशाली नेताओं के साथ उम्मीदवारों के व्यक्तिगत संबंधों से टिकट आवंटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से पार्टी टिकट न मिलने से नाराज पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पार्टी हाईकमान ऐसे उम्मीदवारों की तलाश करेगा जिनकी स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ हो और क्षेत्र में उनका अच्छा तालमेल हो।

उन्होंने कहा कि उम्मीदवार की जीत की संभावना को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए चयन प्रक्रिया जिम्मेदार हो सकती है। पृथला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के टिकट के दावेदार हेम डागर ने कहा, “पार्टी हाईकमान को लगातार दो बार हारने वालों को टिकट देने से बचना चाहिए और बाहरी लोगों के बजाय स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देनी चाहिए।”

पार्टी की नीतियों के प्रचार-प्रसार के लिए स्वच्छ छवि और उचित समर्पण के महत्व पर बल देते हुए भारतीय युवा कांग्रेस नेता पराग शर्मा ने कहा कि हालांकि अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान पर निर्भर करता है, लेकिन उनका मानना ​​है कि युवा पीढ़ी, विशेषकर महिलाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि यह खेल परिवर्तक साबित हो सकता है।

वरिष्ठ भाजपा नेता और पार्टी टिकट के आकांक्षी राजीव जेटली ने कहा कि उम्मीदवार की छवि के अलावा समर्पण और कड़ी मेहनत को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

पूर्व विधायक टेक चंद शर्मा ने कहा कि जनता के साथ संपर्क, पिछला प्रदर्शन और छवि तथा जाति जैसे कारक कई क्षेत्रों में चयन के मापदंड हो सकते हैं।

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