फरीदाबाद, 2 जून जिला प्रशासन द्वारा शीघ्र ही निजी कोचिंग सेंटरों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने की संभावना है। यह कदम हरियाणा निजी कोचिंग संस्थान पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024 के मद्देनजर उठाया गया है, जिसे इस साल फरवरी में ऐसे संस्थानों को विनियमित करने के लिए राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया था।
जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि जिले भर में 100 से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित हैं, लेकिन अधिकारियों को अभी तक ऐसे संस्थानों के बारे में उचित जानकारी नहीं मिल पाई है।
मार्च में शुरू हुई चुनाव प्रक्रिया के कारण ऐसी संस्थाओं को विनियमित करने की नीति के कार्यान्वयन में देरी हुई। नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया, “स्थानीय अधिकारियों के पास अभी तक सभी निजी कोचिंग सेंटरों के बारे में उचित डेटा नहीं है, क्योंकि नियमों के संबंध में कोई विनियमन या अधिसूचना नहीं है। इनमें से कई अनियमित तरीके से चल रहे हैं, जिससे छात्रों के जीवन को खतरा पैदा हो रहा है।”
अग्निशमन विभाग के सूत्रों ने आगे बताया कि अधिकांश केंद्र बिना फायर एनओसी प्राप्त किए ही चल रहे हैं। इसके अलावा, दुर्घटना की स्थिति में दमकल गाड़ियों की पहुंच न होना भी चिंता का विषय है।
सामाजिक कार्यकर्ता अजय बहल ने कहा, “कई कोचिंग सेंटर भीड़भाड़ वाले आवासीय भवनों या ऐसे क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां आग लगने की स्थिति में बचाव कार्य करना लगभग असंभव है।”
अधिकारी ने कहा कि निजी कोचिंग सेंटर भी छात्रों से अत्यधिक फीस और अन्य शुल्क वसूलने के कारण निवासियों में नाराजगी का कारण बन गए हैं। हरियाणा निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण एवं विनियमन विधेयक, 2024 पूरे राज्य में लागू होना है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि चुनाव प्रक्रिया के कारण इसके क्रियान्वयन में देरी हुई है।
विधेयक के अनुसार, कानून का उल्लंघन करते हुए पाए जाने वाले किसी भी निजी कोचिंग संस्थान को प्रत्येक उल्लंघन के लिए 25,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा, इसके अलावा पंजीकरण रद्द करने का भी प्रावधान है।
विधेयक में आगे कहा गया है, “कोई भी निजी कोचिंग संस्थान कोचिंग से संबंधित कोई भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा या गलत जानकारी नहीं देगा।” इसके अतिरिक्त, प्रत्येक जिले में निजी कोचिंग संस्थानों को पंजीकृत करने और विनियमित करने के लिए एक प्राधिकरण होगा। उपायुक्त ऐसे निकाय के अध्यक्ष होंगे। जिला स्तर पर शिकायत निवारण प्रकोष्ठ स्थापित करने का भी प्रस्ताव किया गया है।
हालांकि, यह पता चला है कि ये प्रावधान व्यक्तिगत होम ट्यूशन सेंटरों पर लागू नहीं होंगे, जिनमें प्रतिदिन 50 छात्रों तक का नामांकन होता है। जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार बघेल ने बताया कि अधिसूचना जारी होने के बाद अधिनियम लागू कर दिया जाएगा। अधिसूचना शीघ्र ही जारी होने की उम्मीद है।
‘अग्निशमन एनओसी के बिना परिचालन अग्निशमन विभाग के सूत्रों से पता चला है कि अधिकांश निजी कोचिंग सेंटर बिना अग्निशमन एनओसी प्राप्त किए ही चल रहे हैं। इसके अलावा, दुर्घटना की स्थिति में दमकल गाड़ियों की पहुंच न होना भी चिंता का विषय है। सामाजिक कार्यकर्ता अजय बहल ने कहा, “कई कोचिंग सेंटर भीड़भाड़ वाले आवासीय भवनों या ऐसे क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां आग लगने की स्थिति में बचाव कार्य करना लगभग असंभव है।” एक अधिकारी ने बताया कि ये संस्थान छात्रों से अत्यधिक फीस और अन्य शुल्क वसूलने के कारण निवासियों के बीच नाराजगी का कारण भी बन गए हैं।
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