संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की जिला इकाई के तहत किसानों की एक पंचायत शनिवार को हिसार-दिल्ली राजमार्ग पर रामायण टोल प्लाजा पर होने वाली है, जिसमें फरवरी 2024 में किसानों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का मुद्दा उठाया जाएगा।
किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जिले के नारनौंद उपमंडल के खेरी चोपता में फरवरी 2024 के आंदोलन के बाद उनके खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। पंचायत का आह्वान किसान नेताओं द्वारा प्रशासन द्वारा पहले के समझौते की शर्तों का उल्लंघन करते हुए किए गए “विश्वासघात” के विरोध में किया गया है।
रामायण टोल प्लाजा समिति के प्रमुख एवं किसान नेता कैलाश उमरा ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि समझौता होने के बाद किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना अनुचित है।
उमरा ने आज यहां कहा, ‘‘आपसी समझौते के बाद भी किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करना विश्वासघात है और पूरी तरह से अस्वीकार्य है।’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने शनिवार को पंचायत में शामिल होने के लिए पेटवाड़, नारनौंद, बुडाना, राखी और खेरी चोपता गांवों सहित पूरे क्षेत्र के लोगों को आमंत्रित किया है।
उमरा ने याद किया कि फरवरी 2024 के विरोध प्रदर्शन के दौरान, तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर उत्तम सिंह और तत्कालीन हांसी एसपी मकसूद अहमद सहित जिला अधिकारियों और किसानों की समिति के बीच एक औपचारिक समझौता हुआ था कि किसानों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद, कथित तौर पर 22 किसानों और 400 से अधिक अज्ञात किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, यहां तक कि पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया। किसानों का कहना है कि हाल ही में अदालत से समन मिलने के बाद उन्हें मामलों के बारे में पता चला। इस मामले पर चर्चा करने और एसकेएम के तहत कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करने के लिए बैठक हो रही है।
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