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किसानों को नई कृषि तकनीक अपनाने के लिए कहा गया

Farmers were asked to adopt new agricultural techniques

कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डीएआरई) के सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने कहा, “कृषि समाज के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कृषि को टिकाऊ और लाभकारी बनाने के लिए किसानों को उन्नत कृषि तकनीक अपनानी होगी।”

उन्होंने कहा, “हालांकि कृषि प्रौद्योगिकी के प्रसारण की गति धीमी हो सकती है, लेकिन इसके लाभ लंबे समय तक टिकाऊ हैं और कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”

उन्होंने केवीके, आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी योजना के तहत प्रशिक्षण-सह-सेमिनार हॉल की आधारशिला भी रखी।

उन्होंने कहा कि देश में आईसीएआर के पास एक प्रभावी और अच्छी कृषि विस्तार प्रणाली है, जिसकी पूरे विश्व में सराहना हुई है और विभिन्न मेजबान संगठनों के तहत 731 केवीके कृषि प्रौद्योगिकी विस्तार और मूल्यांकन का कार्य कर रहे हैं।

संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ. धीर सिंह ने कहा कि हर साल 20,000 से अधिक किसान, विस्तार अधिकारी, छात्र और अन्य हितधारक प्रशिक्षण और शैक्षिक दौरे के लिए केवीके आते हैं।

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