पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने फसल विविधीकरण के तहत धान की जगह खरीफ मक्का की खेती करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले का चयन किया है।
इसके तहत धान की जगह मक्का की खेती करने वाले किसानों को तकनीकी जानकारी के साथ प्रति एकड़ 7,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
यह जानकारी डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद पर्रे ने साझा की
इस संबंध में आगे जानकारी देते हुए मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. जगदीश सिंह ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार किसानों को मक्की की खेती को सफल बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया।
जिले में अधिकांश क्षेत्र कपास की खेती से धान की खेती की ओर स्थानांतरित हो चुका है, लेकिन भूजल की खराब गुणवत्ता के कारण उपज भी कम है और भूमि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
जिले में 4 इथेनॉल प्लांट संचालित होने के कारण बड़ी मात्रा में मक्का की खपत होती है, जिसे बाहरी राज्यों से आयात किया जाता है।
इसके अलावा मक्के का उपयोग पशु आहार और मुर्गी आहार में भी किया जाता है। पंजाब सरकार की योजना के तहत इस खरीफ सीजन के दौरान बठिंडा जिले में 2500 हेक्टेयर खरीफ मक्के की खेती करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं।
इसी श्रृंखला के अंतर्गत पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के वैज्ञानिकों ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, बठिंडा के अधिकारियों/कर्मचारियों तथा किसान मित्रों को मक्का की खेती से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया, जो आगे चलकर किसानों के साथ समन्वय स्थापित कर मक्का की बिजाई को प्रोत्साहित करेंगे।
मक्की की बिजाई मई के अंतिम सप्ताह से जून के अंत तक की जा सकती है, जो भी किसान मक्की की बिजाई करने के इच्छुक हैं, वे कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, जिला बठिंडा के ब्लॉक/जिला कार्यालय के साथ समन्वय कर सकते हैं।
मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों से अपील की कि वे गांव स्तर पर आयोजित किए जा रहे शिविरों में अधिक से अधिक भाग लें तथा आवश्यकतानुसार ब्लॉक/जिला कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।