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यूपी को वन ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने में खेती बाड़ी का होगा अहम रोल

Farming will play an important role in making UP a one trillion economy.

लखनऊ, 1 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि और संबंधित क्षेत्र का योगदान वर्ष 2023-24 में 5.98 लाख करोड़ रुपये का रहा। विभागीय आंकड़ों के अनुसार 2024 में यह बढ़कर करीब 7.24 लाख करोड़ हो जाएगा। यह प्रदेश की कुल जीडीपी का करीब एक चौथाई है। ये आंकड़े बताते है कि उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र की क्या अहमियत है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश की एक ट्रिलियन की इकोनॉमी में कृषि क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके मद्देनजर कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए योगी सरकार हर संभव कदम उठा रही है। वह बीज से लेकर बाजार तक हर कदम पर किसानों के साथ है।

कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि खेती बाड़ी को बूम देने के लिए जरूरी बुनियादी संरचना (एक्सप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, देश का इकलौता जलमार्ग) तैयार है। सरकार एक ही फसल के अलग अलग जिलों में न्यूनतम और अधिकतम पैदावार की वजह तलाशने के साथ उसे दूर करने का प्रयास कर रही है। यही नहीं जिन फसलों का उत्पादन राष्ट्रीय औसत से कम है, उसे राष्ट्रीय औसत पर लाने और जिन फसलों का उत्पादन राष्ट्रीय औसत के बराबर या अधिक है, उनका उत्पादन सर्वोत्तम उत्पादन करने वाले प्रदेश के स्तर तक ले जाने का प्रयास कर रही है। अपेक्षाकृत कम उत्पादन वाले बुंदेलखंड और पूर्वांचल को फोकस कर विश्व बैंक के सहयोग से चलाई जाने वाली यूपी एग्रीज (उत्तर प्रदेश: कृषि विकास एवं ग्रामीण उद्यमिता सुदृढ़ीकरण) योजना का यही मकसद है।

योजना की अवधि 6 साल की और लागत चार हजार करोड़ रुपये हैं। उम्मीद है कि इससे संबंधित जिलों की उत्पादकता में करीब 30 फीसद की वृद्धि हो जाएगी। बीज पार्क योजना, हॉर्टिकल्चर के लिए ,”वन ब्लॉक वन क्रॉप”, दुग्ध समितियों का पुनर्गठन, मत्स्य विभाग में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की महानिदेशक के रूप में तैनाती, खेतीबाड़ी में तकनीकी के प्रयोग पर सरकार का खास फोकस है।

उन्होंने बताया कि इस सबके प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश 5 कृषि विश्वविद्यालय, अलग-अलग विश्वविद्यालय से संबद्ध 89 कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) तो हैं ही। इनके अलावा हर रबी और खरीफ के सीजन के पहले न्याय पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले “द मिलियन फार्मर्स स्कूल”, मंडल और जिले स्तर पर होने वाली गोष्ठियां और किसान मेले भी किसानों के लिए मददगार हो रहे हैं। सरकार गोंडा में कृषि महाविद्यालय, कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय, भदोही और गोरखपुर में पशु चिकित्सा महाविद्यालय का भी निर्माण करवा रही है। इस तरह योगी सरकार इस क्षेत्र के समग्र विकास पर फोकस कर रही है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश में अब भी खेती बाड़ी की बेहतरी की बहुत संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर इस बात का जिक्र करते हुए कहते हैं कि उत्तर प्रदेश पर प्रकृति और परमात्मा की असीम अनुकंपा है। नौ तरह के कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) हर तरह की फसल, बागवानी और सब्जी की खेती के लिए उपयुक्त हैं। सबसे अधिक आबादी के नाते न श्रम की झंझट है न बाजार की चिंता। गंगा,यमुना, सरयू जैसी नदियों में वर्ष भर भरपूर जल उपलब्ध रहता है।

कृषि योग्य भूमि का सर्वाधिक रकबा (166 लाख हेक्टेयर) उत्तर प्रदेश का है। कृषि योग्य भूमि का 80 फीसद से अधिक रकबा सिंचित है। प्रदेश के करीब 3 करोड़ परिवारों की आजीविका कृषि पर निर्भर हैं। उत्तर प्रदेश खाद्यान्न और दूध के उत्पादन में देश में नंबर एक, फलों और फूलों के उत्पादन में दूसरे और तीसरे नंबर पर है। योगी सरकार इन संभावनाओं को और विस्तार देना चाहती है ताकि एक ट्रिलियन की इकोनॉमी में यह क्षेत्र भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए।

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