फतेहाबाद जिले के नारेल गांव में किसानों ने बुधवार को एक स्थानीय किसान की जमीन की नीलामी के अदालती आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहन) के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने प्रदर्शन किया और सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन के दौरान, नायब तहसीलदार रशविंदर सिंह को किसानों ने लगभग 90 मिनट तक ‘बंधक’ बनाकर रखा, जिसके बाद पुलिस ने आकर उन्हें सुरक्षित रूप से रिहा कर दिया।
बीकेयू के जिला सचिव निर्भय रतिया के अनुसार, किसान ने जाखल मंडी के एक स्थानीय व्यापारी से लगभग 7 लाख रुपये का कर्ज लिया था। ब्याज के कारण कर्ज की राशि बढ़कर लगभग 27 लाख रुपये हो गई थी। कर्ज की वसूली के लिए अदालत ने किसान की लगभग 4 करोड़ रुपये की जमीन की नीलामी का आदेश दिया। किसानों ने इस आदेश को अनुचित बताया और कहा कि यह छोटे किसानों के साथ अन्याय है।
राज्य महासचिव अजय सिधानी ने स्थानीय व्यापारियों और साहूकारों पर किसानों और मजदूरों का शोषण करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि हस्ताक्षरित चेकबुक का दुरुपयोग किया गया है और सरकार एवं पुलिस ऐसी गतिविधियों को रोकने में विफल रही हैं। उन्होंने कहा कि यूनियन ग्राम स्तर पर समाधान खोजने के लिए तैयार है, लेकिन किसानों के खिलाफ किसी भी प्रकार की जबरदस्ती बर्दाश्त नहीं करेगी।
विरोध प्रदर्शन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चला। श्रमिक संघ के नेताओं ने नारे लगाते हुए कहा कि पंजाब की तरह वे हरियाणा में भी भूमि अधिग्रहण और नीलामी के खिलाफ आंदोलन शुरू कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि किसानों और मजदूरों के लिए आर्थिक स्वतंत्रता हासिल करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
स्थानीय व्यापारी जगदीश राय ने बताया कि उन्होंने बकाया ऋण की वसूली के लिए अदालत में याचिका दायर की है और नीलामी की प्रक्रिया अदालत के आदेशानुसार चल रही है। उन्होंने कहा, “अदालत का फैसला अंतिम है और उसका पालन करना अनिवार्य है।” नायब तहसीलदार रशविंदर सिंह ने स्पष्ट किया कि बुधवार को कोई वास्तविक नीलामी नहीं हुई। उन्होंने पंचायत कार्यालय में ग्राम नेताओं के साथ बैठक की और कहा कि प्रशासन स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है।


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