धर्मशाला, 31 अगस्त धर्मशाला के आस-पास के गांवों के सैकड़ों निवासियों ने आज अपने क्षेत्रों को नगर एवं ग्राम नियोजन (टीसीपी) अधिनियम में शामिल किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सरकार ने 20 अगस्त को जारी अधिसूचना में कांगड़ा जिले के 117 और गांवों को टीसीपी अधिनियम में शामिल किया था। ऐसे 22 गांव धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में आते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने मिनी सचिवालय के पास सरकार के खिलाफ नारे लगाए और अधिसूचना वापस लेने की मांग की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनके क्षेत्रों को टीसीपी के तहत शामिल करने से उन्हें परेशानी होगी क्योंकि उन्हें किसी भी नए निर्माण के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट से नक्शा पास कराना होगा, जो एक बोझिल प्रक्रिया है।
स्थानीय भाजपा नेता भी प्रदर्शनकारियों में शामिल हुए और आरोप लगाया कि सरकार धर्मशाला के प्रति पक्षपातपूर्ण है, जिसके कारण निर्वाचन क्षेत्र का लगभग पूरा ग्रामीण क्षेत्र अब टीसीपी अधिनियम के अधीन है।
नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने कांगड़ा के 117 गांवों को टीसीपी एक्ट के तहत शामिल किए जाने को उचित ठहराया था। उन्होंने कहा था कि गांवों को हाईकोर्ट के निर्देशानुसार टीसीपी एक्ट में शामिल किया गया है। मंत्री ने दावा किया था कि इन क्षेत्रों को शामिल करने की प्रक्रिया पिछली भाजपा सरकार के दौरान शुरू की गई थी। उन्होंने यह भी दावा किया था कि टीसीपी एक्ट के तहत लाए जाने के बावजूद गांवों को 600 वर्ग फीट तक के किसी भी निर्माण के लिए विभाग से किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक निर्माणों को विनियमित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों को टीसीपी अधिनियम के अंतर्गत लाया गया है।