निरक्षरता उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए फिरोजपुर फाउंडेशन ने श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव के शुभ अवसर पर ‘उम्मीद की पाठशाला’ परियोजना शुरू की है और इस पहल का उद्देश्य ईंट भट्ठा मजदूरों के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना है, जिससे एक शिक्षित समाज की नींव रखी जा सके।
फाउंडेशन के संस्थापक शैलेंद्र शैली बबला ने बताया कि यह परियोजना असंगठित श्रमिक संघ पंजाब के सुझाव से प्रेरित है। यूनियन ने उन्हें ईंट भट्टों पर काम करने वाले बच्चों की दुर्दशा के बारे में बताया जो बुनियादी शिक्षा से वंचित हैं। फाउंडेशन के सदस्यों के बीच विचार-विमर्श के बाद, शिक्षा में इस अंतर को पाटने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया गया।
पायलट प्रोजेक्ट असल गांव में एक ईंट भट्टे पर शुरू हुआ है, जहां 75 बच्चों को शिक्षा सहायता के लिए गोद लिया गया है। प्रत्येक बच्चे को नोटबुक, किताबें, स्कूल बैग, पेंसिल और जलपान सहित आवश्यक शिक्षण सामग्री प्रदान की गई। भट्टे पर एक निर्दिष्ट कमरे में दैनिक कक्षाएं संचालित करने के लिए दो शिक्षकों को नियुक्त किया गया है, जिनका पारिश्रमिक फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित किया जाता है।
बबला ने कहा कि ऐसे बच्चे आमतौर पर नवंबर से जून तक अपने परिवारों के साथ भट्टियों पर जाते हैं, जिससे नियमित स्कूल जाना असंभव हो जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए, फाउंडेशन भविष्य में इसी तरह की परियोजनाएँ स्थापित करने की योजना बना रहा है।
‘उम्मीद की पाठशाला’ परियोजना शिक्षा के माध्यम से वंचित समुदायों को सशक्त बनाने और उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने का एक आशाजनक प्रयास है।
असंगठित कामगार यूनियन के अध्यक्ष मुख्तियार सिंह, सचिव धर्मवीर जोधा और अध्यक्ष खुशवंत सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे वंचित बच्चों के उत्थान की दिशा में एक सराहनीय कदम बताया। काबल सिंह, प्रवीण कौर, संतोष, अंजू बाला और रजनी बाला सहित अन्य सदस्यों ने भी इस पहल की सराहना की और इन बच्चों के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।