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फिल्मकार आनंद गांधी ने ‘माया’ को बताया समाज को बदलने का एक बड़ा स्टेप

Filmmaker Anand Gandhi called 'Maya' a big step towards changing society

मशहूर फिल्मकार आनंद गांधी ने गेम डिजाइनर जैन मेमन के साथ मिलकर ‘माया नैरेटिव यूनिवर्स’ तैयार किया है। ये एक पौराणिक कथा पर आधारित साइंस फिंक्शन पिक्चर है, जिसे एआई ने डिजाइन किया है।

आनंद ने आज के समय के बारे में बात करते हुए कहा, “हम गवाह बन रहे हैं मानव इतिहास के उस समय के, जब लोगों को सोचने या अपनी राय बनाने का मौका ही नहीं दिया जा रहा। माया उसके लिए एक जवाब है। ये बस आपका मनोरंजन ही नहीं करती, ये आपको सशक्त भी करती है।”

गेम के डिजाइनर और टेक स्पेशलिस्ट जैन मेमन ने कहा, ”माया हीरो बनाम विलेन की कहानी नहीं है। ये आज की पीढ़ी से जुड़े विवादों जैसे सच्चाई बनाम रूढ़िवादी, आविष्कार बनाम निष्क्रियता, आजादी बनाम नियंत्रण और क्या होना चाहिए बनाम क्या नहीं की व्याख्या करने के बारे में है। उन्होंने कहा कि माया एक अभूतपूर्व साई-फाई फैंटेसी पिक्चर है जिसे डिपार्टमेंट ऑफ लोर इन्क ने बनाया है।

माया स्टोरीटेलिंग के अलग-अलग फॉर्मेट्स को बढ़ाती है। जैसे फिल्म, गेम्स, नॉवल्स से खिलौने और ग्राफिक नॉवल्स। इसकी यात्रा शुरू होती है इसके पहले नॉवेल माया: सीड्स टेक्स रूट्स के लॉन्च से जो 19 अगस्त 2025 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिलीज होने जा रही है।

इसमें साइंस फिक्शन, फैंटेसी और गहरी दार्शनिक पड़तालों का संगम है। माया मॉर्डन दुनिया के अति सचेत और अति जागरूक लोगों के लिए है। ये ऐसे प्रश्नों का सामना करती है जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं। जैसे कि हमारे विचारों पर कैसे असर डाला जाता है, हमारे निर्णय लेने की क्षमता को नियंत्रित किया जाता है और हमारे भविष्य को कैसे बदला जा रहा है।

डिपार्टमेंट ऑफ लोर ने इसे 4 साल से अधिक के समय के बीच तैयार किया है। इसे बनाने में अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों का योगदान है जैसे दार्शनिक, भाषा के जानकार, बायोलॉजिस्ट्स और सिस्टम थ्योरिस्ट्स।

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