उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रत्येक सड़क दुर्घटना को गंभीरता से लें, दुर्घटना स्थल का निरीक्षण करें तथा उसके कारणों का पता लगाएं, ताकि प्रभावी निवारक उपाय किए जा सकें।
सड़क सुरक्षा और सुरक्षित स्कूल वाहन नीति पर मासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी ने कहा कि हर व्यक्ति का जीवन कीमती है और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि जिले में हर टोल बैरियर पर सभी लेन चौबीसों घंटे चालू रहें ताकि लोगों को असुविधा न हो।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक को दिए निर्देश में डीसी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी पूर्व निर्देशों के अनुसार एक सप्ताह के भीतर जिले के सभी टोल प्लाजा पर टोल-मुक्त और रियायत-योग्य गांवों और शहरी क्षेत्रों की सूची प्रदर्शित करने वाले बड़े साइनबोर्ड लगाए जाएं। उन्होंने अधिकारियों से टोल बैरियर पर एंबुलेंस, क्रेन और अन्य आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस जांच करने को भी कहा।
सभी टोल प्लाजा का थर्ड पार्टी ऑडिट कराने का भी निर्देश दिया गया। संबंधित अधिकारियों को सड़कों पर खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत सुनिश्चित करने को कहा गया।
डीसी ने संबंधित अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर विशेष रूप से सड़क किनारे ढाबों द्वारा किए गए अवैध कटों की पहचान की जाए और उल्लंघन करने वालों को नोटिस जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद के लिए इन कटों को बंद किया जाना चाहिए।
उन्होंने उपमंडल स्तर पर सड़क सुरक्षा बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए तथा सभी संबंधित विभागों को 15 जून तक सड़कों पर पड़े गड्ढों को भरने के निर्देश दिए। अधिकारियों को बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के सामने सड़क की मरम्मत करने तथा दिल्ली बाईपास पर भालौठ उप-शाखा के पास निर्माणाधीन पुल का निर्माण कार्य जून माह के अंत तक पूरा करने के निर्देश दिए।
सभी विभागों को बैठक में चर्चा किये गये बिन्दुओं पर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया।
सुरक्षित स्कूल वाहन नीति की समीक्षा करते हुए डीसी ने सभी उप-मंडल मजिस्ट्रेटों (एसडीएम) को सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए स्कूल वाहनों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि निर्धारित मानकों को पूरा न करने वाले वाहनों का चालान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच में ड्राइवर लाइसेंस और अन्य आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन भी शामिल होना चाहिए।
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