जालंधर के एक किसान के खिलाफ पराली में आग लगाने के आरोप में एफआईआर दर्ज होने से विवाद खड़ा हो गया है।
हालांकि पुलिस ने कहा कि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन आक्रोशित किसान यूनियनों ने कहा कि बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहे किसानों के खिलाफ कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लोहियां के एक किसान, राज कुमार, पर जालंधर ग्रामीण पुलिस ने लोहियां खास के कंग खुर्द गाँव में धान की पराली जलाने का मामला दर्ज किया है। इस साल इस सीज़न में पराली जलाने के लिए दर्ज की गई यह पहली एफआईआर है। जालंधर में अब तक पराली जलाने की कोई और घटना सामने नहीं आई है। यह राज्य में सख्त कदम उठाने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद किसानों के खिलाफ कार्रवाई में आई तेज़ी को भी दर्शाता है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि किसान ने हाल ही में आई बाढ़ से बर्बाद हुई फसल में आग लगा दी थी। 24 सितंबर को भारती न्याय संहिता की धारा 223 के तहत लोहियां थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
किसान पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बीकेयू दोआबा ने कहा कि यूनियन किसानों के साथ खड़ी है और यह मुद्दा कल चंडीगढ़ में होने वाली किसान मजदूर मोर्चा की बैठक में उठाया जाएगा।
जिस किसान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, वह औपचारिक रिकॉर्ड में काश्तकार (ठेके पर खेती करने वाला) के रूप में दर्ज है। निगरानी समिति ने दर्ज किया कि लोहियां खास के कंग खुर्द के थेह कुशलगढ़ गाँव में किसान की 7 कनाल 16 मरला ज़मीन 21 सितंबर की रात को आग की लपटों में घिरी पाई गई। पराली जलाने संबंधी सरकारी दिशानिर्देशों के उल्लंघन के आरोप में उसके खिलाफ तुरंत चालान दायर किया गया। बीडीपीओ कार्यालय के अधीक्षक द्वारा दायर चालान के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई।
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