स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता सुरेश भैयाजी जोशी के मराठी भाषा को लेकर दिए बयान पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता भाई जगताप ने उनके बयान पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती पर मराठी भाषा अनिवार्य नहीं है, यह बोलने वाले भैयाजी जोशी कौन होते हैं?
कांग्रेस नेता भाई जगताप ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “भैयाजी कौन होते हैं? यह छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती है और इस मराठी भूमि पर भाषा अनिवार्य नहीं है, ऐसा कहने का हक उन्हें किसने दिया। मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि क्या वह सुरेश भैयाजी जोशी के बयान से सहमत हैं। गुजरात और महाराष्ट्र भाषा के आधार पर बने। मैं भैयाजी जोशी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता हूं और उन पर एफआईआर भी दर्ज होनी चाहिए। मैं विधान परिषद में इस मुद्दे को उठाऊंगा।”
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आरोपों पर कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं जवाहरलाल नेहरू द्वारा ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ किताब में छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किए जाने के उनके आरोप का खंडन करता हूं। हम यह भूल नहीं सकते हैं कि रायगढ़ में जो छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाई गई है, उसका अनावरण खुद जवाहरलाल नेहरू और यशवंतराव चौहान ने किया था। मेरा सवाल देवेंद्र फडणवीस से है कि गडकरी ने जो किताब लिखी है और उसमें छत्रपति शिवाजी महाराज पर टिप्पणी की है, क्या वह उससे सहमत हैं? सरकार की प्रिंटिंग प्रेस में ही इन किताबों को छापा जा रहा है।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भैयाजी जोशी ने एक बयान में कहा, “मुंबई में एक नहीं, कई भाषाएं हैं। मुंबई के हर हिस्से की अपनी अलग भाषा है। घाटकोपर इलाके की भाषा गुजराती है, इसलिए अगर आप मुंबई में रहते हैं या फिर यहां आना चाहते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि आपको मराठी सीखनी पड़े।”