एम्स, बिलासपुर के आर्थोपेडिक्स विभाग ने रोबोट की सहायता से सम्पूर्ण घुटना प्रतिस्थापन सर्जरी सफलतापूर्वक की है, जिससे यह राज्य का पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान बन गया है। एम्स, बिलासपुर के सूचना अधिकारी डॉ. तरुण शर्मा ने बताया कि यह सर्जरी एक बुजुर्ग मरीज पर की गई, जो गंभीर गठिया और घुटने की विकृति से पीड़ित था।
उन्होंने कहा कि रोबोटिक परिशुद्धता की सहायता से, शल्य चिकित्सा टीम ने विकृति को ठीक किया और उल्लेखनीय सटीकता के साथ संयुक्त संरेखण को बहाल किया।
डॉ. शर्मा ने कहा कि ऑपरेशन डॉ. रणजीत चौधरी, डॉ. गौरव कुमार शर्मा, डॉ. अमित सलारिया और डॉ. देवेन्द्र सहित सर्जनों की एक टीम द्वारा किया गया था, जिसमें डॉ. विजयलक्ष्मी सिवापुरपु द्वारा एनेस्थीसिया सहायता प्रदान की गई थी। वहीं नर्सिंग टीम का नेतृत्व भजन लाल ने किया।
डॉ. चौधरी ने कहा, “रोबोटिक घुटने प्रतिस्थापन सेवाओं की शुरुआत के साथ, एम्स, बिलासपुर अब अत्याधुनिक आर्थोपेडिक देखभाल प्रदान करने के लिए सुसज्जित है। हमारा विभाग पहले से ही जटिल आघात, रीढ़ और आर्थ्रोस्कोपिक खेल चोटों की सर्जरी कर चुका है। रोबोटिक्स के जुड़ने से आर्थोपेडिक सर्जिकल देखभाल का दायरा पूरा हो गया है।”
डॉ. चौधरी ने कहा कि रोबोटिक प्रणाली वास्तविक समय में ऑपरेशन के दौरान संतुलन और जोड़ को उप-मिलीमीटर परिशुद्धता के साथ संरेखित करने की अनुमति देती है, जिसके परिणामस्वरूप पारंपरिक तकनीकों की तुलना में बेहतर कार्यात्मक परिणाम और तेजी से रिकवरी होती है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि इस विकास से क्षेत्र भर में हजारों रोगियों को लाभ मिलेगा, जिससे उन्नत देखभाल पहले से कहीं अधिक सुलभ हो जाएगी