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झारखंड में पांच सीटों से संसद पहुंचेंगे ‘फर्स्ट टाइमर’ चेहरे, 10 सांसदों और 10 विधायकों की दांव पर किस्मत

'First timer' faces will reach Parliament from five seats in Jharkhand, fate of 10 MPs and 10 MLAs at stake.

रांची, 17 अप्रैल । झारखंड में इस बार लोकसभा का चुनाव पिछले चुनावों से कई मायनों में अलग है। यह पहली बार है, जब राज्य की 14 लोकसभा सीटों पर 20 निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की किस्मत दांव पर लगी है। इनमें नौ लोकसभा सांसद, एक राज्यसभा सांसद और 10 विधायक शामिल हैं।

मौजूदा लोकसभा सांसदों में निशिकांत दुबे गोड्डा सीट से लगातार चौथी बार संसद पहुंचने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि पलामू से बीडी राम, जमशेदपुर से विद्युत वरण महतो और राजमहल से विजय हांसदा के सामने हैट्रिक लगाने का मौका है। कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी, खूंटी से अर्जुन मुंडा, गिरिडीह से चंद्रप्रकाश चौधरी और सिंहभूम से गीता कोड़ा लगातार दूसरी बार संसद पहुंचने के लिए मैदान में हैं।

राज्यसभा के सांसद समीर उरांव इस बार लोहरदगा से लोकसभा पहुंचने की दावेदारी कर रहे हैं। राज्य के नौ विधायकों को बड़ी पार्टियों ने इस बार लोकसभा की जंग में उतारा है। इनमें हजारीबाग सीट पर भाजपा के मनीष जायसवाल और कांग्रेस के जयप्रकाश भाई पटेल, गोड्डा सीट पर कांग्रेस की दीपिका पांडेय सिंह, धनबाद में भाजपा के ढुल्लू महतो, सिंहभूम में झामुमो की जोबा मांझी, गिरिडीह में झामुमो के मथुरा महतो, कोडरमा में सीपीआई एमएल के विनोद सिंह, दुमका में भाजपा की सीता सोरेन और झामुमो के नलिन सोरेन शामिल हैं।

इनके अलावा झामुमो के एक विधायक लोबिन हेंब्रम राजमहल सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर चुके हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने वाले पांच ‘योद्धाओं’ को इस बार चुनावी पिच पर बैटिंग का मौका नहीं मिल पाया है। इनमें पिछले चुनाव में राज्य में सबसे ज्यादा मतों से जीत दर्ज करने वाले धनबाद के सांसद पीएन सिंह भी शामिल हैं। इनके अलावा जिन सांसदों को इस बार चुनाव मैदान से बाहर होना पड़ा है, उनमें हजारीबाग से जयंत सिन्हा, चतरा से सुनील सिंह, दुमका से सुनील सोरेन और लोहरदगा से सुदर्शन भगत शामिल हैं।

राज्य में बड़ी पार्टियों ने इस बार सबसे ज्यादा संख्या में महिला उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा ने सिंहभूम से गीता कोड़ा, कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी और दुमका से सीता सोरेन को उतारा है तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन ने गोड्डा से दीपिका पांडेय सिंह, पलामू से ममता भुइयां, धनबाद से अनुपमा सिंह और सिंहभूम से जोबा मांझी को टिकट दिया है। इस तरह 14 लोकसभा सीटों पर बड़ी पार्टियों ने कुल सात महिला प्रत्याशी उतारे हैं।

यह बात भी तय मानी जा रही है कि राज्य की पांच सीटों से इस बार संसद में ‘फर्स्ट टाइमर’ चेहरा पहुंचेगा। धनबाद में भाजपा के ढुल्लू महतो और कांग्रेस की अनुपमा सिंह के बीच मुकाबला माना जा रहा है। दोनों में से किसी की जीत हो, संसद के लिए ‘फर्स्ट टाइमर’ होंगे। चतरा में भाजपा के कालीचरण सिंह और कांग्रेस के केएन त्रिपाठी के बीच मुख्य संघर्ष माना जा रहा है। दोनों में से किसी ने पहले संसद की दहलीज पर बतौर सांसद कदम नहीं रखा है।

इसी तरह हजारीबाग में भाजपा के मनीष जायसवाल और कांग्रेस के जेपी पटेल, लोहरदगा में भाजपा के समीर उरांव और कांग्रेस के सुखदेव भगत, दुमका में भाजपा की सीता सोरेन और झामुमो के नलिन सोरेन में चाहे जिसकी भी जीत हो, वे पहली बार लोकसभा पहुंचेंगे। इस बार बड़ी पार्टियों ने चार पूर्व विधायकों पर भी दांव लगाया है। इनमें राजमहल सीट पर भाजपा की ओर से ताला मरांडी, लोहरदगा में कांग्रेस की ओर से सुखदेव भगत, चतरा में कांग्रेस के केएन त्रिपाठी और खूंटी में इसी पार्टी के कालीचरण मुंडा शामिल हैं।

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