मैसूर (कर्नाटक), 27 दिसंबर । मैसूर जिले के नंजनगुड शहर में एक जुलूस के दौरान देवता पर प्रदूषित पानी फेंकने के आरोप में पांच लोगों के खिलाफ बुधवार को पुलिस में शिकायत दर्ज की गई।
मंगलवार रात हुई इस घटना से विवाद पैदा हो गया और क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया।
ऐतिहासिक नंजुंदेश्वर मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जगदीश ने इस संबंध में नंजनगुड टाउन थाने में बलाराजू, नारायण, नागभूषण, नतेश और अभि के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
पाँचों पर जुलूस के दौरान देवता पर बोतलबंद पानी फेंककर धार्मिक प्रथा में बाधा डालने का आरोप है। शिकायत में कहा गया है, “हमने समझाया है कि जुलूस के दौरान किसी भी व्यक्ति का अपमान नहीं किया जाता है। इसके बावजूद, कुछ लोगों ने जुलूस के दौरान देवता पर पानी फेंका, जिससे भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।”
मंदिर प्रबंधन ने मंगलवार रात ‘अंधकासुर संहार’ के अवसर पर एक धार्मिक जुलूस का आयोजन किया। दलित संघर्ष समिति (डीएसएस) ने जुलूस पर आपत्ति जताते हुए दावा किया कि उनका मानना है कि अंधकासुर उनका राजा था।
मंदिर प्रबंधन का कहना है कि यह अनुष्ठान सैकड़ों वर्षों से मनाया जा रहा है, जिसमें मंदिर के पास राक्षस मंडप के पास खींची गई अंधकासुर की तस्वीर को मिटाना शामिल है। नंजुंदेश्वर और पार्वती की मूर्तियों को ले जाने वाले लोग उनके पैरों पर बने चित्र को मिटा देते हैं। यह अनुष्ठान पूरे क्षेत्र में, विशेषकर गांवों में मनाया जाता है।
सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने भगवान पर प्रदूषित पानी फेंका था, जिससे तनाव की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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