नालागढ़ में दंगा, गैरकानूनी ढंग से एकत्र होने और आपराधिक धमकी के आरोप में पांच युवकों पर मामला दर्ज करने के चार दिन बाद, बद्दी में मनपुरा पुलिस ने आज उन्हें एहतियातन गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें नालागढ़ एसडीएम के समक्ष पेश किया गया और बाद में उन्हें जमानत दे दी गई।
बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पांच आरोपियों – बागवानिया के अकबर उर्फ अकु, मानपुरा के शब्बीर और सोनू, खेड़ा के नसीरुद्दीन शेख और चनाल माजरा के इकबाल मोहम्मद को आज गिरफ्तार कर लिया गया है।
हालांकि एसपी ने दावा किया है कि कल बहुसंख्यक समुदाय के प्रदर्शनकारियों के साथ उनकी शांतिपूर्ण बातचीत हुई थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने नालागढ़ में दर्ज पहले मामले में गिरफ्तारी न होने पर असंतोष व्यक्त किया है।
जानकारी के अनुसार, अकबर जिम चलाता था, सोनू छात्र है, शब्बीर खेती करता था तथा इकबाल और नसीरुद्दीन शेख छोटे-मोटे व्यापार करते थे।
द ट्रिब्यून द्वारा आंके गए पुलिस को लिखित शिकायत में, सल्लेवाल निवासी अनिल कुमार ने आरोप लगाया था कि 4 अक्टूबर को उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर एक विशेष समुदाय के युवक द्वारा उन्हें धमकाया गया था और उन्हें हमला होने या झूठे मामले में फंसाए जाने का डर था।
उन्होंने पुलिस से उन अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया, जिनकी पहचान उन्होंने की है। उन्होंने कहा कि वे सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालकर बहुसंख्यक समुदाय का अपमान कर रहे हैं।
नालागढ़ के विधायक हरदीप बावा ने घटना से निपटने में बद्दी पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पुलिस दो समुदायों के बीच होने वाले विवाद को टाल सकती थी।
उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक केएल ठाकुर पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए मामला दर्ज किया जाना चाहिए, जिससे दंगे भड़क सकते थे। उन्होंने कहा कि इस इलाके में कभी सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई।
विधायक ने कहा कि पुलिस को औद्योगिक क्षेत्र में हथियार लेकर घूमने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान करनी चाहिए तथा क्षेत्र में शांति एवं सद्भाव बनाए रखने के लिए उन्हें जब्त करना चाहिए।