हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के बाद से लापता 10 लोगों की तलाश के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
बुधवार शाम भारी बारिश के कारण दो लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 20 लोगों के बह जाने की आशंका है, लेकिन कुछ लापता लोगों को बचा लिया गया है।
कांगड़ा में बुधवार शाम को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे खानयारा गांव के पास एक नाला बह गया, जिसमें इंदिरा प्रियदर्शिनी जलविद्युत परियोजना पर काम कर रहे मजदूर बह गए। आठ लोग लापता हैं, जबकि दो शव बरामद किए गए हैं।
स्थानीय प्रशासन ने 170 से ज़्यादा मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकालकर उन्हें आश्रय दिया। गुरुवार को भी बचाव अभियान जारी रहा, ड्रोन की मदद से बचाव कार्य जारी रहा और एक मज़दूर अभी भी आस-पास के जंगलों में लापता है।
हालांकि अधिकारियों ने इसे प्राकृतिक आपदा बताया, लेकिन कुछ मजदूरों ने इस त्रासदी के लिए अवैध खनन और नदी के पास असुरक्षित आश्रयों को जिम्मेदार ठहराया।
कुल्लू जिले के रेहला बिहाल में तीन लोग अपने घरों से कीमती सामान निकालने की कोशिश करते समय बाढ़ में बह गए थे, जो अभी भी लापता हैं।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद बताया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की दो टीमें और होमगार्ड की एक टीम को घटनास्थल पर तैनात किया गया है तथा बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को भी बुलाया गया है।
जलविद्युत परियोजना स्थल पर छह लोगों के बाढ़ में बह जाने की आशंका है, जबकि एक व्यक्ति को खुद को बचाने के लिए पास की पहाड़ी पर भागते देखा गया। डीसी ने बताया कि उसका ठिकाना भी अभी तक पता नहीं चल पाया है।
उन्होंने बताया कि बाकी लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है तथा खोज एवं बचाव पहली प्राथमिकता है।
लापता लोगों में से कुछ हिमाचल प्रदेश के नूरपुर और चंबा इलाकों से हैं और कुछ उत्तर प्रदेश से हैं। बाढ़ के दौरान पहाड़ों में गए व्यक्ति को खोजने के लिए एक समर्पित टीम भेजी गई है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मनुनी खड्ड में अचानक जल प्रवाह बढ़ने के कारण बह गए श्रमिकों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने यहां जारी एक बयान में कहा, “संकट की इस घड़ी में भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता देवभूमि के नागरिकों की हर संभव मदद के लिए समर्पित है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिवारों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।”
धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा गुरुवार को घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि परियोजना स्थल उनके गांव से एक किलोमीटर दूर है। उन्होंने बताया कि बुधवार को उन्हें फोन आया कि पानी का स्तर बढ़ गया है और 15-20 लोग बह गए हैं।
शर्मा ने कहा कि नाले के पास मजदूरों के लिए शेड बनाना तथा मौसम की दृष्टि से असुरक्षित क्षेत्र होने पर उन्हें वहां नहीं ले जाना लापरवाही है तथा इसकी जांच होनी चाहिए। विधायक ने मृतक के परिवार को पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की।
अधिकारियों के अनुसार, बारिश के कारण परियोजना का काम रोक दिया गया था और श्रमिक साइट के पास अस्थायी आश्रयों में आराम कर रहे थे, तभी मनुनी खड्ड और आसपास के नालों से बाढ़ का पानी श्रमिक कॉलोनी की ओर मुड़ गया और उनमें से कई को बहा ले गया।
कुल्लू जिले में सैंज के रेहला बिहाल क्षेत्र में अपने घरों से कीमती सामान चुराने की कोशिश करते समय बह गए तीन लोगों की तलाश जारी है। कुल्लू जिले के सैंज में जीवा नाला और रेहला बिहाल और गड़सा क्षेत्र के शिलागढ़ में बादल फटने की तीन घटनाएं सामने आईं।
जिले के मनाली और बंजार से भी अचानक बाढ़ की खबरें मिली हैं और तलाशी अभियान जारी है। पीटीआई से इनपुट के साथ