बाढ़ के पानी में तैरते लकड़ी के लट्ठों के वीडियो पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हिमालयी क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई को लेकर केंद्र, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड और अन्य को नोटिस जारी किया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने कहा, “हमने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में अभूतपूर्व भूस्खलन और बाढ़ देखी है। मीडिया रिपोर्टों से यह भी पता चला है कि बाढ़ में भारी संख्या में लकड़ी के लट्ठे बहकर आए। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि पेड़ों की अवैध कटाई हुई है…”
“हमने पंजाब की तस्वीरें देखी हैं… पूरे खेत और फ़सलें जलमग्न हो गई हैं। विकास को राहत उपायों के साथ संतुलित करना होगा,” मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई दो हफ़्ते बाद तय करते हुए कहा।
हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरणीय गिरावट को उजागर करने वाली पर्यावरणविद् अनामिका राणा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, मुख्य न्यायाधीश ने इसे “एक बहुत ही गंभीर मामला” करार दिया और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अनुरोध किया कि वह केंद्रीय पर्यावरण सचिव को संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों से बात करने के लिए कहें ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके।
मेहता ने पीठ को आश्वासन दिया कि वह आज ही पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव से बात करेंगे और उनसे संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों से संपर्क करने को कहेंगे।
मेहता ने कहा, “हमने प्रकृति के साथ इतना हस्तक्षेप किया है कि अब प्रकृति भी हमें जवाब दे रही है। मैं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव से बात करूँगा और वे मुख्य सचिवों से बात करेंगे। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।”
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि चंडीगढ़ और मनाली के बीच 14 सुरंगें हैं जो भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के दौरान मौत का सबब बन जाती हैं। एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सुरंग में 300 लोग फंस गए हैं।
हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अलावा शीर्ष अदालत ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को भी नोटिस जारी किए।
हाल के हफ़्तों में, रावी नदी में बड़ी संख्या में लकड़ी के लट्ठों के तैरते हुए कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिससे पेड़ों की संगठित अवैध कटाई को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं। जून में भी कुल्लू ज़िले की गड़सा और सैंज घाटी में अचानक आई बाढ़ के बाद मंडी ज़िले के पंडोह बांध जलाशय में लकड़ी के लट्ठों के तैरते हुए कुछ वीडियो सामने आए थे।
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