रोहतक, 16 जून हरियाणा सरकार राज्य में बाढ़ नियंत्रण उपायों को लेकर ग्रामीणों के साथ-साथ विपक्षी नेताओं की आलोचना का शिकार हो रही है। पिछले मानसून में रोहतक जिले के कई किसानों और गांवों के अन्य निवासियों को अपने खेतों और घरों में बारिश के पानी के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
रोहतक के डीसी अजय कुमार बाढ़ नियंत्रण प्रशिक्षण सत्र में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए। रोहतक जिले के ब्राह्मण गांव के पूर्व सरपंच जगदीश कहते हैं, “पिछले जुलाई में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण हमारे खेत छह फीट गहरे पानी में डूब गए थे। हम अभी भी बाढ़ के प्रकोप से आशंकित हैं क्योंकि मानसून आने ही वाला है, लेकिन बाढ़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं।”
उन्होंने बताया कि जसिया नाले की खुदाई नहीं की गई है और न ही इसकी पटरियों को पक्का किया गया है। पूर्व सरपंच ने चुटकी लेते हुए कहा, “सरकारी अधिकारी प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह बहुत कम और बहुत देर से किया गया काम लगता है।”
उन्होंने कहा कि गांव के किसानों को पिछले वर्ष जलभराव के दौरान हुए नुकसान का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। यहां यह बताना उचित होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों के खेत पानी में डूबने से हुए नुकसान के लिए 40 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग की थी।
मकरौली गांव की सरपंच सरिता ने कहा कि उनके क्षेत्र में नालों की खुदाई और सफाई का कुछ काम किया गया है, लेकिन अभी और काम करने की आवश्यकता है।
सरिता के पति ने कहा, “यहां तक कि सरकारी अधिकारी सरपंचों को भी जानकारी नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण बाढ़ नियंत्रण उपायों में बड़ी खामियां बनी हुई हैं।”
ग्रामीणों ने संबंधित सरकारी अधिकारियों द्वारा समय पर प्रभावी उपाय न किए जाने पर अफसोस जताया, जिसके कारण बार-बार बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है।
पूर्व सरपंच सुमित ने कहा, “संबंधित अधिकारी आमतौर पर गांवों का दौरा करते हैं और नुकसान हो जाने के बाद ही कोई ठोस कार्रवाई करते हैं, जबकि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पहले ही आवश्यक कदम उठाए जाते हैं।”
रोहतक में मीडिया से बातचीत में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने हरियाणा सरकार को सलाह दी कि वह राज्य के निवासियों को एक बार फिर बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाए।
इस बीच, रोहतक मंडल आयुक्त संजीव वर्मा ने रोहतक, झज्जर, सोनीपत, भिवानी और चरखी दादरी के उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में बाढ़ नियंत्रण उपायों की समीक्षा करने और उठाए जा रहे कदमों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
रोहतक डीसी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को 30 जून तक जिले के सभी ड्रेनों की सफाई सुनिश्चित करने को कहा