पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य की भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे बाढ़ नियंत्रण एवं राहत कार्यों को नाकाफी बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार को बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान का शत-प्रतिशत मुआवजा देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “लोगों की समस्याओं की गंभीरता और जान-माल के खतरे को समझते हुए राज्य सरकार को अपनी सक्रियता बढ़ानी चाहिए। आज लगभग पूरा हरियाणा बाढ़ और जलभराव की चपेट में आ गया है। गाँव, खेत, गलियाँ, सड़कें, राजमार्ग और शहर सब जलमग्न हैं।”
उन्होंने मांग की, “सभी प्रभावित लोग सरकारी मदद की गुहार लगा रहे हैं। सरकार तुरंत विशेष गिरदावरी की प्रक्रिया शुरू करे और फसलों को हुए नुकसान का शत-प्रतिशत मुआवजा दे। साथ ही, घरों और दुकानों को हुए नुकसान का निरीक्षण कर जल्द ही मुआवजे की घोषणा की जाए।”
आज जींद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे पूरे हरियाणा से जानकारी जुटा रहे हैं। आधे से ज़्यादा ज़िले बाढ़ की चपेट में हैं और आने वाले दिनों में बारिश की संभावना के चलते हालात और बिगड़ने की आशंका है। हुड्डा ने कहा कि बाढ़ के लिए सिर्फ़ प्रकृति ही नहीं, बल्कि भाजपा सरकार के घोटाले और निष्क्रियता भी कुछ हद तक ज़िम्मेदार है क्योंकि यह सरकार अमृत योजना, सफ़ाई और सीवरेज व्यवस्था के मामलों में लगातार घोटाले करती रही है।
उन्होंने आरोप लगाया, “कैग रिपोर्ट में भी कई अनियमितताएँ उजागर हुई हैं। अब सभी गाँव और शहर जलभराव और बाढ़ से जूझ रहे हैं क्योंकि सरकार ने न तो नहरों की समय पर सफाई करवाई और न ही सीवरेज की।”
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम बंद करने के सवाल पर हुड्डा ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में 52 प्रतिशत स्टाफ सीटें खाली पड़ी हैं। यही कारण है कि राज्य के विश्वविद्यालय लगातार पिछड़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “यह लगातार छठा साल है जब हरियाणा का कोई भी विश्वविद्यालय देश के टॉप-100 में जगह नहीं बना पाया है। कांग्रेस सरकार ने जींद और आसपास के जिलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय का निर्माण कराया था, लेकिन अब भाजपा सरकार लगातार स्कूलों और कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम बंद कर रही है।”